Security System : वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बीते साल पेनसिल्वेनिया के बटलर में हुए जानलेवा हमले के बाद अब सुरक्षा तंत्र पर कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। सीक्रेट सर्विस ने इस हमले में सुरक्षा में चूक के आरोप में अपने छह एजेंटों को निलंबित कर दिया है। ये कार्रवाई उस घटना की जांच के बाद सामने आई है, जिसने अमेरिका की राजनीतिक और सुरक्षा व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया था।
10 से 42 दिन तक का निलंबन, वेतन भी नहीं मिलेगा
सीक्रेट सर्विस के डिप्टी डायरेक्टर मैट क्विन ने अमेरिकी मीडिया को जानकारी दी कि निलंबन की अवधि 10 से 42 दिनों के बीच होगी और इस दौरान एजेंटों को वेतन नहीं दिया जाएगा। हालांकि इन एजेंटों को बर्खास्त नहीं किया गया है, लेकिन उनकी जिम्मेदारियां घटा दी जाएंगी और उन्हें कम संवेदनशील पोस्टिंग में तैनात किया जाएगा। क्विन ने कहा : “हम इसे बर्खास्तगी के जरिए हल नहीं करना चाहते। हमारा मकसद जड़ तक जाकर खामियों की पहचान करना और उन्हें सुधारना है। केवल सजा से व्यवस्था नहीं सुधरती।”
हमले के वक्त चूक, हमलावर को समय पर नहीं पहचान सके एजेंट
2024 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले पेंसिल्वेनिया की चुनावी रैली में डोनाल्ड ट्रंप पर गोलियां चलाई गई थीं, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जांच में सामने आया कि हमलावर काफी देर तक ट्रंप के आस-पास मौजूद था, लेकिन सीक्रेट सर्विस समय पर उसकी पहचान करने में असफल रही। यह एक बड़ी सुरक्षा चूक मानी गई, जिसके बाद से एजेंसी पर चौतरफा सवाल उठने लगे।
Security System राजनीतिक गलियारों में हड़कंप, सिस्टम पर सवाल
हमले के बाद अमेरिकी कांग्रेस और सुरक्षा विश्लेषकों ने इसे अमेरिकी इतिहास की सबसे बड़ी सुरक्षा विफलताओं में से एक बताया। कई सांसदों ने सीक्रेट सर्विस की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही की मांग की थी।
सुधार की दिशा में पहला बड़ा कदम
सीक्रेट सर्विस का यह निलंबन उन अधिकारियों के खिलाफ पहली बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई है जो ट्रंप की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। हालांकि यह कार्रवाई केवल सजा तक सीमित नहीं है, बल्कि एजेंसी के काम करने के तरीके में बड़े बदलाव की शुरुआत मानी जा रही है। हमले के बाद ट्रंप ने एक बयान में कहा था, “यह सिर्फ मेरे ऊपर हमला नहीं था, यह अमेरिका की आत्मा और लोकतंत्र पर हमला था। हम इससे डरेंगे नहीं, और न ही पीछे हटेंगे।”