नई दिल्ली/इस्लामाबाद : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 28 निर्दोष पर्यटकों की जान लेने वाले आतंकियों के पीछे पाकिस्तान की भूमिका एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस हमले के तुरंत बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के विवादित और उकसाऊ बयान ने आग में घी डालने का काम किया है। असीम मुनीर ने खुलेआम कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बताया और हिन्दुओं के खिलाफ ज़हर उगला।
लंदन में प्रवासी पाकिस्तानियों से की भारत विरोधी बयानबाजी
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की उपस्थिति में लंदन में आयोजित एक प्रवासी सम्मेलन में असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ तीखा हमला बोला। उन्होंने जम्मू-कश्मीर को “पाकिस्तान का अभिन्न अंग” बताते हुए कहा कि यह क्षेत्र “कभी भी भारत का हिस्सा नहीं रहा और ना ही रहेगा।” इसके साथ ही उन्होंने 1947 के बंटवारे को सही ठहराते हुए टू-नेशन थ्योरी (दो राष्ट्र सिद्धांत) का समर्थन किया, जो भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी वैचारिक मतभेद की नींव रहा है।
हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बयान
इस सम्मेलन के दौरान मुनीर ने पाकिस्तान में मौजूद कट्टर इस्लामी तत्वों की भाषा बोलते हुए भारत में “हिंदू वर्चस्व” की आलोचना की और यह तक कह दिया कि “भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहलगाम हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को निशाना बनाया और हिंदू नाम वाले लोगों को चुनकर गोली मारी।
क्या पहलगाम हमले से जुड़ा है असीम मुनीर का बयान?
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि असीम मुनीर का यह बयान न केवल भड़काऊ है, बल्कि एक रणनीतिक संकेत भी हो सकता है। हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) नामक आतंकी संगठन ने ली है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है। लश्कर लंबे समय से पाकिस्तानी सेना और ISI की शह पर काम करता रहा है। ऐसे में असीम मुनीर का यह बयान और हमले की टाइमिंग को एक साथ देखना महज़ संयोग नहीं माना जा रहा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव
पहलगाम हमले के बाद अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई और अन्य देशों ने भारत के साथ एकजुटता जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से इस हमले में उसकी भूमिका स्पष्ट करने की मांग की है। भारत सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि वह इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएगी।
भारत की प्रतिक्रिया और संभावित कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही हमले की कड़ी निंदा कर चुके हैं और कहा है कि आतंकियों और उनके समर्थकों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक व सैन्य दोनों स्तरों पर ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।