खंडवा | MP Khandwa News : खंडवा जिले में जलसंकट लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं ने कलेक्टर से जल संकट के समाधान की गुहार लगाई। महिलाओं ने कलेक्टर ऋषव गुप्ता से कहा कि अगर पानी नहीं मिल सकता तो हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए। जनसुनवाई में महिलाओं ने यह कड़ी प्रतिक्रिया दी जब उन्हें टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही थी, लेकिन वह पानी अत्यधिक गंदा था। कलेक्टर ने महिलाओं से यह कहा कि वे टैंकर का पानी पीकर देखें, तो जवाब में महिलाओं ने कहा, “आप पीकर देखिए, तो हम भी पी लेंगे।”
MP Khandwa News : जल संकट से निपटने के लिए प्रशासन ने शहर भर में पाइपलाइन की चौकीदारी के लिए पटवारी और पंचायत सचिवों को तैनात कर दिया है। खंडवा में पिछले 9 सालों में नर्मदा पाइपलाइन 219 बार फूट चुकी है, और अब गर्मी के मौसम में यह समस्या और भी बढ़ गई है। इस कारण से पूरे शहर में पानी की आपूर्ति ठप हो गई थी, जिसके कारण नागरिकों में आक्रोश फैल गया।
नर्मदा पाइपलाइन पर चौकीदारी बढ़ी
खंडवा में पानी की आपूर्ति को लेकर बढ़ते संकट को देखते हुए प्रशासन ने चौकीदारी प्रणाली लागू की है। विशेषकर उन स्थानों पर जहां पाइपलाइन बार-बार फूटने की घटनाएं हुईं हैं, वहां पर पटवारी और सचिवों की तीन-तीन शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई है। इस व्यवस्था को अगले दो महीनों तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि पाइपलाइन के टूटने के कारण पानी की आपूर्ति में जो विघ्न उत्पन्न हुआ है, उसे सुधारने के लिए नई पाइपलाइन बिछाने का काम भी तेज कर दिया गया है। महापौर अमृता यादव ने कहा कि इस समस्या का स्थायी समाधान अगले दो महीनों में हो जाएगा।
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जलसंकट के विरोध में एफआईआर
13 अप्रैल को जल संकट को लेकर शहर में महिलाओं ने प्रदर्शन किया था और चक्काजाम किया था। इसके बाद प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें 8 महिलाएं शामिल थीं। कांग्रेस नेताओं के नाम भी एफआईआर में थे, और इस मामले को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी। हालांकि, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने इस कार्रवाई का विरोध किया और कलेक्टर से मुलाकात कर एफआईआर निरस्त करने की मांग की। इस दौरान स्थानीय भाजपा नेताओं ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को जारी रखने की वकालत की है, जिससे मामला और पेचीदा हो गया है।
संपूर्ण जल संकट पर प्रशासन की प्रतिक्रिया
कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने कहा कि जलसंकट की समस्या का समाधान टैंकरों से हो रहा है, लेकिन जल स्रोतों के बार-बार टूटने के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि गर्मी में पाइपलाइन के प्रेशर से फूटने की समस्या बढ़ी है। इस बीच, प्रशासन ने पाइपलाइन की निगरानी के लिए विशेष व्यवस्था की है और जल आपूर्ति में सुधार की दिशा में कदम उठाए हैं।
महापौर की उम्मीदें: नई पाइपलाइन का काम तेज
महापौर अमृता यादव ने कहा कि नर्मदा पाइपलाइन की रिप्लेसमेंट का काम लगभग 85% पूरा हो चुका है, और जल्द ही यह समस्या स्थायी रूप से हल हो जाएगी। नई पाइपलाइन के चलते शहर में जल संकट की स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। खंडवा के नागरिक अब प्रशासन से उम्मीद कर रहे हैं कि जल संकट की इस गंभीर समस्या का शीघ्र समाधान हो, ताकि उन्हें गंदे पानी के बजाय साफ और सुरक्षित पानी मिल सके।