महासमुंद | Mahasamund Double Murder Case : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महासमुंद के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड में निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए आरोपी महिला की अपील खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित जरूर है, लेकिन साक्ष्य की कड़ी इतनी मजबूत है कि आरोपी के दोषी होने में कोई संदेह नहीं रह जाता।
Mahasamund Double Murder Case : पूरा मामला:
20 दिसंबर 2017 को महासमुंद के लमकेनी में एक किराएदार महिला यमुना पांडे की दो नाबालिग बेटियों की हत्या कर दी गई थी। पुलिस को सूचना देने वाले मकान मालिक जनकराम साहू ने बताया कि बेटियां खून से लथपथ पड़ी थीं और महिला गंभीर रूप से घायल हालत में मिली थी। जांच में सामने आया कि पारिवारिक तनाव और डिप्रेशन में आकर महिला ने ही अपनी दोनों बेटियों की गला रेतकर हत्या कर दी थी और फिर खुदकुशी का प्रयास किया था। घटनास्थल से ब्लेड, चाकू और सुसाइड नोट बरामद हुए थे।
निचली अदालत का फैसला:
2021 में महासमुंद की प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने महिला को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। IPC की धारा 302(2) और 309 के तहत महिला को दोषी करार दिया गया।
हाईकोर्ट की टिप्पणी:
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस विभू दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि मेडिकल रिपोर्ट, महिला के इकबालिया बयान और घटनास्थल से मिले सबूतों की कड़ियां पूरी तरह से आपस में जुड़ी हैं, जिससे अपराध सिद्ध होता है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं मानी।