Mahakaleshwar Temple Darshan : उज्जैन, मध्य प्रदेश। श्रावण मास में भगवान शिव के सबसे पवित्र धामों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने इस बार Mahakaleshwar Temple Darshan व्यवस्था में कई अहम बदलाव किए हैं। इस वर्ष सावन में करीब 80 लाख श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना जताई गई है। यही वजह है कि सामान्य दर्शन से लेकर शीघ्र दर्शन, जल अर्पण, सुरक्षा और दिव्यांगजन सुविधाओं तक—हर स्तर पर विशेष इंतजाम किए गए हैं।
Mahakaleshwar Temple Darshan Route: कैसे होंगे सामान्य दर्शन?
सामान्य दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को अब त्रिवेणी संग्रहालय से प्रवेश मिलेगा। इसके बाद वे महाकाल महालोक, मानसरोवर भवन, फेसिलिटी सेंटर-1, टनल मंदिर परिसर, कार्तिक मंडपम और गणेश मंडपम के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर पाएंगे। भारत माता मंदिर की ओर से आने वाले भक्तों को शंख द्वार से प्रवेश मिलेगा और दर्शन उपरांत वे नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से बाहर निकलेंगे।
जल अर्पण और अभिषेक की विशेष व्यवस्था
श्रद्धालु अब सभा मंडप और कार्तिकेय मंडपम में जल पात्र के माध्यम से शिवलिंग पर जल अर्पण कर सकते हैं। पंचामृत अभिषेक की व्यवस्था भी मंदिर की ओर से की गई है, जो सख्त नियमों और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार संचालित होगी।
शीघ्र दर्शन के लिए अलग गेट, ₹250 शुल्क
यदि आप शीघ्र दर्शन चाहते हैं, तो गेट नंबर 01 और 04 से प्रवेश लिया जा सकता है। इसके लिए ₹250 शुल्क निर्धारित किया गया है। गेट 04 से आने वाले श्रद्धालु विश्रामधाम रैम्प, सभा मंडप और गणेश मंडपम से होते हुए सीधे दर्शन कर सकेंगे।
कावड़ यात्रियों के लिए अलग व्यवस्था
श्रावण मास में कावड़ यात्रियों की भी बड़ी संख्या उज्जैन पहुंचती है। ऐसे में मंगलवार से शुक्रवार तक उन्हें गेट नंबर 04 से विशेष प्रवेश की अनुमति है, जबकि शनिवार, रविवार और सोमवार को वे सामान्य मार्ग से ही दर्शन कर पाएंगे।
महाकाल मंदिर दर्शन की अन्य प्रमुख व्यवस्थाएं
- जूता स्टैंड और मेडिकल सुविधा:
त्रिवेणी द्वार, भारत माता मंदिर और बड़ा गणेश मंदिर पर जूता स्टैंड की व्यवस्था की गई है। वहीं हर स्टैंड के पास मेडिकल टीम भी मौजूद रहेगी। - विशिष्ट दर्शन (प्रोटोकॉल):
विशिष्ट अथवा अतिविशिष्ट श्रेणी के भक्तों के लिए प्रशासनिक अनुमति और ₹200 शुल्क के साथ विशेष दर्शन की व्यवस्था है। - व्हीलचेयर सुविधा:
दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए व्हीलचेयर सेवा मंदिर प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए श्रद्धालु प्रशासनिक कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित
सावन 2025 में गर्भगृह में किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश की अनुमति नहीं है। दर्शन केवल बाहर से ही किए जा सकेंगे। यह फैसला सुरक्षा, व्यवस्था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
भस्म आरती और कपाट खुलने की विशेष व्यवस्था
श्रावण के पहले सोमवार को महाकाल मंदिर के कपाट रात 2:30 बजे ही खोल दिए गए। आम दिनों में कपाट 3:30 बजे खुलते हैं। कपाट खुलते ही भगवान वीरभद्र के कानों में स्वस्तिवाचन किया गया और फिर कर्पूर आरती, नंदी पूजन, पंचामृत अभिषेक व श्रृंगार की प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद भस्म आरती के बाद चलायमान दर्शन की व्यवस्था से श्रद्धालुओं को लगातार दर्शन का लाभ मिला।
सुरक्षा, बैरिकेडिंग और खोया-पाया केंद्र
श्रावण सवारी के दौरान पूरे मार्ग पर बैरिकेडिंग, CCTV और पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। खोया-पाया केंद्र भी मंदिर परिसर में स्थापित है, जहां श्रद्धालु अपनी खोई वस्तुओं की जानकारी दे सकते हैं। मंदिर परिसर में मोबाइल कैमरे का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है।








