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India China border relations : भारत-चीन रिश्तों की बर्फ पिघली-जयशंकर-वांग की मुलाकात से बदले कूटनीतिक समीकरण

India China border relations : बीजिंग। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ बीजिंग में द्विपक्षीय वार्ता की। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब दोनों देश चार साल के सीमा विवाद (LAC) के बाद संबंधों को सामान्य करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जयशंकर इस समय 14-15 जुलाई को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय दौरे पर चीन में हैं।
चार साल के गतिरोध के बाद सकारात्मक प्रगति
जयशंकर ने बताया कि 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद से भारत-चीन संबंध जटिल बने हुए थे। लेकिन अक्टूबर 2024 में कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से दोनों देशों के संबंधों में धीरे-धीरे सकारात्मक दिशा में प्रगति हुई है।

उन्होंने कहा,
“अब हमारी जिम्मेदारी है कि इस गति को बनाए रखें। बीते नौ महीनों में हमने सीमा पर शांति बनाए रखने और विवादों के समाधान की दिशा में अच्छी प्रगति की है।”

सीमाई तनाव के समाधान पर हुई चर्चा
जयशंकर ने कहा कि सीमा पर स्थिरता और शांति, आपसी रणनीतिक विश्वास और द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू विकास की नींव है। उन्होंने आगे कहा कि अब ज़रूरी है कि सीमा से जुड़े अन्य पहलुओं जैसे डि-एस्केलेशन पर भी ध्यान दिया जाए।
व्यापारिक संबंधों में बाधाएं हटाने पर जोर
भारत के विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सामाजिक आदान-प्रदान को सामान्य करने की बात करते हुए कहा:
“आवश्यक है कि प्रतिबंधात्मक व्यापार उपायों और अवरोधों को हटाया जाए। भारत-चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल हमारे लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभकारी हैं।”
उन्होंने कहा कि यह संबंध “आपसी सम्मान, हित और संवेदनशीलता” के आधार पर आगे बढ़ सकते हैं।
आतंकवाद पर भी दिखी साझा चिंता
जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद दोनों देशों के लिए साझा चिंता का विषय हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि SCO सम्मेलन के दौरान आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को मजबूती से दोहराया जाएगा।
चीनी उपराष्ट्रपति से भी हुई मुलाकात
बीजिंग पहुंचने के बाद जयशंकर ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की। इस दौरान “ड्रैगन-एलीफेंट टैंगो” (भारत-चीन सहयोग का प्रतीकात्मक संदर्भ) पर चर्चा हुई और दोनों नेताओं ने वैश्विक दक्षिण (Global South) में वास्तविक सहयोग को बढ़ाने और आपसी चिंता के मुद्दों को सम्मानपूर्वक सुलझाने की बात कही।
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जताया आभार
जयशंकर ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को पुनः शुरू करने के लिए चीन सरकार का आभार भी प्रकट किया, जिसे भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा माना जाता है।

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