Gwalior News : ग्वालियर / भूपेन्द्र भदौरिया : ग्वालियर से लापता महिलाओं और बच्चों से जुड़ी जानकारी आरटीआई के तहत मांगे जाने पर ग्वालियर पुलिस 2015 से पहले का रिकॉर्ड देने में असमर्थ रही। पुलिस का कहना है कि यह रिकॉर्ड नष्ट कर दिया गया है। इस पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस को रिकॉर्ड नष्ट करने का स्पष्ट कारण बताने के निर्देश दिए हैं।
Gwalior News :इस मामले में एडवोकेट आशीष प्रताप सिंह ने 7 मार्च 2022 को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने राज्य सूचना आयोग के 15 दिसंबर 2021 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें आयोग ने उनकी अपील खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ता ने 1 फरवरी 2021 को एसपी कार्यालय में आरटीआई दायर कर ग्वालियर जिले में 2004 से 2021 तक लापता हुए महिलाओं और बच्चों की विस्तृत जानकारी मांगी थी।
Gwalior News :पहले चरण में यह कहा गया कि संबंधित थानों से जानकारी लें। बाद में फर्स्ट अपील अधिकारी ने जानकारी 3000 पन्नों में होने की बात कहकर 6000 रुपये जमा करने को कहा, लेकिन बाद में नियमों का हवाला देते हुए सूचना देने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद 2016 से 2021 तक की कुछ आंशिक जानकारी सांख्यिकीय रूप में दी गई, पर पूर्ण जानकारी अब तक नहीं मिली।
Gwalior News :याचिकाकर्ता के वकील एम. पी. सिंह के अनुसार, मांगी गई जानकारी में लापता लोगों के नाम, पते, एफआईआर की प्रति, बरामदगी और सुपुर्दगी से जुड़ी जानकारी के साथ-साथ अपहरण से जुड़े आरोपियों की जानकारी शामिल थी। अब कोर्ट ने पुलिस से स्पष्ट किया है कि रिकॉर्ड क्यों और किस नियम के तहत नष्ट किया गया, इसका जवाब दिया जाए।