नई दिल्ली: Cocaine Smuggling : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट से एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी नेटवर्क के चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। लगभग 13,000 करोड़ की कोकीन तस्करी से जुड़े इस मामले में पाकिस्तान सहित कई देशों के कनेक्शन सामने आए हैं, जिसने जांच एजेंसियों की नींद उड़ा दी है।
Cocaine Smuggling : फर्जी कंपनियों का जाल और पाकिस्तान कनेक्शन
चार्जशीट के अनुसार, इस विशाल ड्रग्स तस्करी नेटवर्क को संचालित करने के लिए तीन फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया था। इनमें से एक महत्वपूर्ण कंपनी, जिसका नाम फार्मा सॉल्यूशंस सर्विसेज है, उसकी ईमेल आईडी पाकिस्तान से बनाई गई थी। यह सीधा संकेत देता है कि इस सिंडिकेट के तार सीमा पार तक फैले हुए थे।
पुलिस ने खुलासा किया है कि इन ड्रग्स का निर्माण गुजरात और दिल्ली में किया जा रहा था। इसके लिए कच्ची सामग्री दक्षिण भारत और गुजरात की पांच फार्मा कंपनियों से प्राप्त की जाती थी। चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि यह सिंडिकेट सिर्फ भारत तक सीमित नहीं था, बल्कि पाकिस्तान, यूएई, थाईलैंड, मलेशिया और यूनाइटेड किंगडम जैसे कई देशों के साथ भी इसके संबंध थे।
मास्टरमाइंड फरार, लंदन से संचालन का संदेह
दिल्ली पुलिस अब इस सिंडिकेट के मुख्य मास्टरमाइंडों की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी राणा तरनजीत सिंह और वीरेंद्र बसोया वर्तमान में फरार हैं। पुलिस को संदेह है कि ये दोनों देश छोड़कर जा चुके हैं, और वीरेंद्र बसोया लंदन से इस पूरे सिंडिकेट का संचालन कर रहा है।
इसके अतिरिक्त, पुलिस ने वारिस और तुषार गोयल को भी आरोपियों की सूची में शामिल किया है। तुषार गोयल को भारत में इस ड्रग्स सिंडिकेट का मुख्य आरोपी माना गया है। अदालत ने बसोया, रितिक बजाज, प्रमोद पांडे, विकास माने और ऋषभ बसोया को भगोड़ा घोषित कर दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।
वर्तमान में, पटियाला हाउस कोर्ट दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल की गई इस विस्तृत चार्जशीट पर जल्द ही संज्ञान लेकर ट्रायल की प्रक्रिया शुरू करेगी। यह मामला भारत में ड्रग्स तस्करी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से एक है, जो अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क की जड़ों को हिलाने का माद्दा रखता है।