गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM): जनपद पंचायत गौरेला के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पिपरखुटी में 15वें वित्त आयोग की निधि से जारी राशि में भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पंचायत सचिव और सरपंच की मिलीभगत से एक फोटो कॉपी दुकान संचालक के नाम पर फर्जी बिल बनवाकर लाखों रुपये की सरकारी राशि का गबन किया गया।
फोटो कॉपी दुकान से पाइप और टोटी की खरीदी?
इस पूरे मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जिस दुकानदार के नाम पर जल आपूर्ति और नल फिटिंग की सामग्री की खरीदी दर्शाई गई है, उसकी दुकान में केवल एक कंप्यूटर और एक फोटो कॉपी मशीन पाई गई। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या अब फोटो कॉपी की दुकानें भी पाइप, टोटी और फिटिंग्स बेचने लगी हैं?
स्थानीय लोगों का आरोप – पहले से चल रही थी अनियमितता
गांव के रहवासियों ने आरोप लगाया है कि पंचायत में बीते कई महीनों से निर्माण कार्यों और जल परियोजनाओं में गंभीर अनियमितताएं देखी जा रही थीं। लेकिन अब जब फर्जी बिलों का खुलासा हुआ है, तो पूरे मामले में भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी हैं।
उच्च स्तरीय जांच की उठी मांग
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने इस घोटाले की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह दर्शाता है कि कैसे पंचायत प्रतिनिधि सरकारी योजनाओं की राशि को मनमाने ढंग से बंदरबांट कर रहे हैं।
अब यह देखना अहम होगा कि क्या प्रशासन इस गंभीर घोटाले पर कोई ठोस कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी बाकी घोटालों की तरह सरकारी फाइलों में दब कर रह जाएगा।