Mungeli Crime : मुंगेली। पुलिस ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी दिलाने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से फर्जी दस्तावेज, सीलें और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। आरोपियों ने एक युवक को फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाकर बीएसएफ में नौकरी दिलाई थी।
Mungeli Crime : पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल को 6 जून को सूचना मिली कि दो व्यक्ति, योगेन्द्र कुमार और प्रशांत राजपूत, विशाल नामक युवक के चरित्र सत्यापन के लिए पुलिस कार्यालय आए हैं। इनकी गतिविधियाँ संदिग्ध प्रतीत होने पर एसपी ने तत्काल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवनीत कौर छाबड़ा एवं डीएसपी नवनीत पाटिल के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम गठित की। जांच के दौरान पता चला कि विशाल नामक युवक ग्राम कंतेली का निवासी नहीं है, न ही आरोपियों का गांव से कोई संबंध है।
Mungeli Crime : पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए विशाल को केंद्रीय बल बीएसएफ में नौकरी दिलाई है। वे 2 जून को बिलासपुर पहुंचे थे और होटल अंबे पैलेस में ठहरे थे। होटल की तलाशी में पुलिस को फर्जी निवास प्रमाण पत्र, नोटरी का कोरा सर्टिफिकेट, सीलें, दाखिल-खारिज और तीन मोबाइल फोन मिले।
Mungeli Crime : इस पूरे मामले में थाना लालपुर में अपराध क्रमांक 103/2025 धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) बीएनएस के तहत केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को 7 जून को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।
Mungeli Crime : बताया जा रहा है कि कुछ राज्यों के अभ्यर्थी जैसे उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान के लोग, छत्तीसगढ़ के एसआरई जिलों से अतिरिक्त अंक लेने की लालच में एजेंटों के माध्यम से फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवा रहे थे। पुलिस ने ऐसे रैकेट की जानकारी पहले भी पाई थी, लेकिन पुष्टि अब जाकर हुई है। इस मामले में और आरोपियों की तलाश जारी है। पूरे ऑपरेशन में थाना लालपुर, साइबर सेल और जिला विशेष शाखा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।