बिलासपुर। Bilaspur News : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है, जहां एक युवक ने अपनी पत्नी की फार्मेसी डिग्री की मार्कशीट को स्कैन कर अपने नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार किए और वर्षों तक विभिन्न नामी फार्मा कंपनियों में नौकरी करता रहा। यह राज तब सामने आया जब पति-पत्नी के बीच तलाक हो गया और महिला ने थाने में लिखित शिकायत दे दी।
Bilaspur News : राजकिशोर नगर निवासी शालिनी कलशा, जिन्होंने बी. फार्मा की पढ़ाई की है, ने अपने पूर्व पति संकल्प तिवारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। शालिनी का दावा है कि संकल्प ने उनकी मार्कशीट को स्कैन कर अपने नाम पर तैयार कर लिया और उसी के आधार पर वह एस्ट्रा जेनेका फार्मा कंपनी में एरिया मैनेजर के पद पर नौकरी कर रहा है।
शिकायत के बाद खुला फर्जीवाड़ा
शालिनी की शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिक जांच शुरू की, जिसमें सामने आया कि संकल्प इससे पहले कई नामी कंपनियों जैसे कैडिला फार्मा, जीएसके, एमएसडी, सीरिया और वेनवटी में भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर चुका है।
पुलिस जांच में जुटी
संकल्प तिवारी का बयान दर्ज कर पुलिस अब दस्तावेजों की जांच कर रही है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने पत्नी की सहमति से डिग्री का इस्तेमाल किया था, जबकि पत्नी ने इससे साफ इनकार किया है। इस मामले में पुलिस ने IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग), और आईटी एक्ट की धाराएं 66C और 66D के तहत जांच शुरू कर दी है।
दोष साबित होने पर 7 साल की सजा संभव
कानूनी जानकारों के मुताबिक, अगर यह साबित हो जाता है कि आरोपी ने धोखे से फर्जी डिग्री का इस्तेमाल कर नौकरी हासिल की है, तो उसे 7 साल तक की सजा हो सकती है। फिलहाल पुलिस डिजिटल सबूत, दस्तावेज़ और कंपनी रिकॉर्ड की जांच कर रही है।