अमृतसर। अमृतसर में मौत की शराब : पंजाब के अमृतसर ज़िले में जहरीली शराब से हुई मौतों ने एक बार फिर सिस्टम की सुस्ती और ज़हरीले धंधों की सच्चाई उजागर कर दी है। 21 लोगों की मौत के बाद भी न तो अवैध शराब के कारोबार पर पूरी तरह लगाम लगी है और न ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई की ठोस खबर सामने आई है।
मजीठा कस्बा, जो कल तक आम ज़िंदगी में व्यस्त था, अब मातम की चादर में लिपटा है। एक ही गली से दो-दो जनाजे निकल रहे हैं। कई घरों में चूल्हा तक नहीं जला। किसी ने बेटा खोया तो किसी की मांग सूनी हो गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध शराब का कारोबार इलाके में लंबे समय से फल-फूल रहा था, लेकिन प्रशासन की नजरें हमेशा बंद रहीं। अब, जब लाशें गिननी शुरू हुईं, तब जाकर हरकत में आए हैं।
यह सिर्फ एक हादसा नहीं, एक सुनियोजित चुप्पी और उदासीनता का परिणाम है — जिसकी कीमत आम परिवार चुका रहे हैं।