रायपुर। CG News : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस ने सोमवार को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की है। यह कदम पार्टी की ईडी के खिलाफ बढ़ती नाराज़गी का प्रतीक बताया जा रहा है। वहीं, इस बंद को लेकर व्यापारिक जगत से कोई खास समर्थन नहीं मिला है। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स ने साफ कर दिया है कि वे इस नाकेबंदी में शामिल नहीं होंगे।
CG News : दिल्ली से लौटते वक्त रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी ने ईडी की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा किया है। उन्होंने एजेंसी को “बीजेपी का विंग” बताते हुए कहा कि यह विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने और राजनीतिक बदनाम करने का हथियार बन गई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां तक कहा, “ईडी का स्ट्राइक रेट एक प्रतिशत से भी कम है, फिर भी विपक्ष को परेशान करने का सिलसिला जारी है।”
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस का आरोप है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध की कड़ी है। बघेल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर भी टिप्पणी करते हुए कहा, “ऐसे संकेत हैं जैसे कोई बड़ा राजनीतिक तूफान आने वाला है। स्वास्थ्य कारणों की बात दिखावटी लगती है, असल मुद्दा कुछ और हो सकता है।”
इस बीच, छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के महामंत्री अजय भसीन ने एक वीडियो बयान जारी कर स्पष्ट किया कि संगठन किसी भी तरह की आर्थिक नाकेबंदी का समर्थन नहीं करता। उन्होंने कहा, “ऐसे बंद से आम व्यापारियों की दिक्कतें बढ़ती हैं और देश की आर्थिक गति पर नकारात्मक असर पड़ता है।” चेंबर का मानना है कि वर्तमान समय में व्यापार और विकास को अवरोधों की नहीं, स्थायित्व की ज़रूरत है।
इस विरोध और असहमति के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस की यह आर्थिक नाकेबंदी कितनी व्यापक असर छोड़ती है और ईडी को लेकर विपक्ष का राजनीतिक नैरेटिव कितना प्रभावी बनता है।