Drishti IAS Coaching Institute : जयपुर | दृष्टि IAS कोचिंग संस्थान के संस्थापक और चर्चित शिक्षाविद डॉ. विकास दिव्यकीर्ति इन दिनों एक कानूनी विवाद के केंद्र में हैं। न्यायपालिका और कानूनी व्यवस्था को लेकर एक पुराने वीडियो में की गई कथित टिप्पणी के आधार पर उनके खिलाफ अजमेर की एक अदालत में मानहानि का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले को रद्द कराने के लिए उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिस पर 21 जुलाई को सुनवाई निर्धारित है।
क्या है मामला…
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में डॉ. दिव्यकीर्ति द्वारा न्यायिक व्यवस्था से संबंधित कुछ टिप्पणियाँ की गई थीं। इन टिप्पणियों को लेकर अजमेर स्थित एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अदालत में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायतकर्ता के अनुसार, वीडियो की उक्त सामग्री न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाली है और यह ‘भारतीय न्याय प्रणाली की अवमानना’ के अंतर्गत आती है।
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कोर्ट ने भेजा समन…
अजमेर की एक निचली अदालत ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए डॉ. विकास दिव्यकीर्ति को 22 जुलाई 2025 को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए समन जारी किया है। दिव्यकीर्ति ने इस समन के खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने की अपील की है।
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हाई कोर्ट में सुनवाई 21 जुलाई को…
राजस्थान हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर 21 जुलाई को जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ में सुनवाई होगी। दिव्यकीर्ति की ओर से दलील दी गई है कि उनकी कथित टिप्पणी किसी विशेष संस्था, व्यक्ति या समुदाय के खिलाफ न होकर एक सामान्य वैचारिक विमर्श का हिस्सा थी, जिसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
क्या कहा गया है याचिका में…
दिव्यकीर्ति की याचिका में दावा किया गया है कि उनकी अभिव्यक्ति संविधान द्वारा प्रदत्त “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” (Article 19(1)(a)) के अंतर्गत आती है और इसे मानहानि का विषय बनाना कानून का दुरुपयोग है। उन्होंने तर्क दिया है कि यदि किसी व्यक्ति की भावनाएं आहत हुईं, तो यह व्यक्तिगत असहमति हो सकती है — लेकिन वह मानहानि का कानूनी आधार नहीं बनती।