जगदलपुर:Japanese Encephalitis: छत्तीसगढ़ के बस्तर में मानसून की शुरुआत के साथ ही बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, खासकर मलेरिया, डेंगू और जापानी बुखार (जेई) जैसे बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। जापानी इंसेफेलाइटिस के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 के शुरुआती साढ़े छह महीनों में बस्तर संभाग से अब तक 19 मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से 13 मामले बस्तर जिले से, 3 बीजापुर से और 3 अन्य जिलों से हैं। अब तक लोहांडीगुड़ा और केसलूर इलाके में 2 मरीजों की मौत भी हुई है, हालांकि इन दोनों मौतों की अंतिम जांच रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
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क्या है जापानी बुखार?
जापानी इंसेफेलाइटिस एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से कुलेक्स मच्छरों के काटने से फैलती है। ये मच्छर आमतौर पर खेतों और जंगली इलाकों में पनपते हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुरूप साहू बताते हैं कि यह बीमारी बच्चों में ज़्यादा गंभीर रूप ले सकती है। उनके अनुसार, इससे बचाव के लिए मच्छरों से सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है, जिसमें *मच्छरदानी का उपयोग, घर और आसपास की सफाई, और मच्छरनाशक दवाओं का छिड़काव शामिल है।