Vice Chancellor’s salary pension scam : रायपुर | संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय (SGGU) के पूर्व कुलपति प्रो. अशोक सिंह पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप सामने आया है। उन पर आरोप है कि वे काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से नियमित पेंशन प्राप्त करते हुए, साथ ही कुलपति पद का पूरा वेतन भी चार वर्षों तक उठाते रहे। इस दौरान उन्होंने कुल ₹54 लाख से अधिक की अतिरिक्त राशि शासन से प्राप्त की, जिससे विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
कैसे हुआ खुलासा
पूर्व कुलपति प्रो. अशोक सिंह की नियुक्ति 2 अगस्त 2021 को SGGU के कुलपति पद पर की गई थी। आदेश के अगले दिन ही उन्होंने पदभार ग्रहण कर लिया था। हालांकि, उन्होंने अपनी पेंशन की जानकारी विश्वविद्यालय को नहीं दी, न ही पेंशन कटौती की कोई प्रक्रिया अपनाई गई। इसके चलते उन्हें पेंशन के साथ पूर्ण वेतन मिलता रहा।
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वित्तीय अनियमितता और बर्खास्तगी
पिछले साल अगस्त 2024 में प्रो. सिंह पर विभिन्न स्तरों की जांच के बाद गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के चलते राजभवन व राज्य शासन द्वारा बर्खास्तगी का आदेश जारी किया गया। लेकिन इसके बाद यह बड़ा खुलासा हुआ कि उन्होंने चार वर्षों तक वेतन के साथ पेंशन लेकर ₹54 लाख 3 हजार 428 रुपये का अतिरिक्त भुगतान प्राप्त कर लिया था।
विश्वविद्यालय ने भेजा नोटिस, प्रो. सिंह ने किया लेने से इनकार
SGGU के कुलसचिव डॉ. एस.पी. त्रिपाठी ने बताया कि मामले के संज्ञान में आते ही BHU से प्रो. सिंह की पेंशन जानकारी मंगवाई गई। इसके बाद संपूर्ण विवरण के साथ रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से नोटिस भेजा गया। हालांकि, प्रो. सिंह ने नोटिस लेने से ही इनकार कर दिया।
अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल
मामले में विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुल सचिव और वित्त अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। सेवानिवृत्ति संबंधी दस्तावेजों की जांच किए बिना वेतन भुगतान करना विश्वविद्यालय की वेतन-भुक्तान प्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
मामला पहुंचा राजभवन और पुलिस तक
चूंकि यह मामला राजकोषीय धन की हानि से जुड़ा है, इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी जानकारी राजभवन को भेज दी है। साथ ही कहा गया है कि यदि वसूली नहीं होती है तो पुलिस की मदद से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।