रायपुर। Rawatpura Scam Case : छत्तीसगढ़ में मेडिकल शिक्षा व्यवस्था की साख पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। प्रदेश के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित शासकीय जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर में पदस्थ एक सहायक प्राध्यापक (Assistant Professor) ने नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए खुद को रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज का मेडिकल डायरेक्टर बना लिया। इस चौंकाने वाली जानकारी का खुलासा तब हुआ जब रावतपुरा कॉलेज रिश्वत मामले की जांच कर रही सीबीआई ने उन्हें भी आरोपी बनाया।
Rawatpura Scam Case : रावतपुरा मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की टीम को कथित रूप से घूस देने के मामले में जांच चल रही है। इस मामले में NMC के तीन डॉक्टरों सहित छह लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इन्हीं आरोपियों की सूची में सरकारी मेडिकल कॉलेज के इस डॉक्टर का भी नाम शामिल हुआ है, जिससे चिकित्सा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, आरोपी डॉक्टर पहले रायपुर के ही एक और शासकीय मेडिकल कॉलेज में पदस्थ रह चुके हैं और रावतपुरा संस्थान की वेबसाइट में उनका नाम मेडिकल डायरेक्टर के तौर पर दर्ज है। यह नियुक्ति नियमों के स्पष्ट उल्लंघन की श्रेणी में आती है, क्योंकि सरकारी डॉक्टरों को निजी संस्थानों में ऐसे पदों पर कार्य करने की अनुमति नहीं होती।
Rawatpura Scam Case
हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा संचालनालय की जानकारी में यह मामला होने के बावजूद अधिकारियों ने अब तक कोई स्पष्ट कार्रवाई नहीं की है। इससे साफ है कि या तो उन्हें सब कुछ पहले से पता था और जानबूझकर आंखें मूंद ली गई थीं, या फिर इस पूरे मामले में एक संगठित चुप्पी है जो भ्रष्टाचार को पनपने दे रही है।
रावतपुरा सरकार कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए की गई साजिश में इस डॉक्टर की भागीदारी इस ओर भी इशारा करती है कि पूरे सिस्टम में किस तरह से नियमों का माखौल उड़ाकर सरकारी पदों का दुरुपयोग किया जा रहा है।यह मामला अब छत्तीसगढ़ में मेडिकल शिक्षा की साख पर सीधा हमला बनता जा रहा है, और यह देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस पर क्या जवाब देता है।