रायपुर: सुकमा जिले में 9 जून को हुए नक्सली IED हमले में शहीद हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) आकाश राव गिरपून्जे की शहादत की जांच अब स्टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) करेगी। इस संबंध में गृह विभाग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। जांच के लिए गठित टीम में SIA के एसपी समेत कुल 6 अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं।
डीजीपी अरुण देव गौतम और SIA निदेशक अंकित गर्ग ने जांच टीम को इस संवेदनशील मामले को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं। टीम जल्द ही सुकमा के कोंटा पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण और जांच प्रक्रिया शुरू करेगी।
9 जून को ASP आकाश राव, अनुविभागीय पुलिस अधिकारी भानुप्रताप चंद्राकर और निरीक्षक सोनल गवला के साथ कोंटा थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए वाहन जलाने की घटना की जांच के लिए पैदल गश्त पर निकले थे। सर्च ऑपरेशन के दौरान जब टीम कोंटा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा के पास पहुंची, तभी वे IED विस्फोट की चपेट में आ गए।
इस विस्फोट में ASP आकाश राव गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल कोंटा अस्पताल लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने वीरगति प्राप्त की। इस घटना में अन्य दो अधिकारी भी घायल हुए, जिनका इलाज जारी है।
42 वर्षीय आकाश राव गिरपून्जे, रायपुर जिले के निवासी थे। वे 2013 बैच के सीधी भर्ती डीएसपी थे और छत्तीसगढ़ पुलिस के सर्वाधिक साहसी अधिकारियों में गिने जाते थे। इससे पहले उन्होंने महासमुंद, रायपुर और मानपुर-मोहला जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं दीं।
वर्तमान में वे कोंटा के एएसपी के रूप में कार्यरत थे और नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार फ्रंटलाइन पर रहकर ऑपरेशन में भाग ले रहे थे। रायपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में वे CSP के पद पर भी कार्यरत रह चुके थे।
आकाश राव की शहादत ने न केवल छत्तीसगढ़ पुलिस बल, बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। उनकी कर्तव्यनिष्ठा, साहस और नेतृत्व क्षमता के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।