गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (छत्तीसगढ़): मरवाही वनमंडल में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है, जहां जलसंवर्धन कार्यों के नाम पर 18 लाख रुपए से अधिक का फर्जी भुगतान किया गया। इस घोटाले में एसडीओ मोहर सिंह मरकाम की जांच में खुलासा हुआ कि रेंजर रमेश खैरवार, सलग्नाधिकारी अविनाश एमान्यूअल और विभाग के कुछ बाबुओं ने मिलकर सरकारी खजाने में सेंधमारी की साजिश रची थी।
जांच में सामने आया कि 18,27,214 रुपए के फर्जी बिल फर्जी फोटो, नकली दस्तावेज, डुप्लीकेट सील और जाली हस्ताक्षरों के साथ तैयार किए गए थे ताकि रकम निकाली जा सके। जैसे ही यह घोटाला उजागर हुआ, वन विभाग में हड़कंप मच गया और अब अन्य भुगतान वाउचरों की भी जांच शुरू कर दी गई है।
डीएफओ ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए जांच समिति का गठन किया है और गौरेला के उपमंडलाधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और जांच के आधार पर कड़ी कार्रवाई होगी।