रायपुर : नंदनवन पक्षी विहार के सबसे पुराने और दर्शकों के प्रिय तेंदुए नरसिंह की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। 16 वर्षीय नर तेंदुआ पिछले ढाई महीनों से गंभीर बीमारियों से जूझ रहा था, जिसमें लगातार बढ़ता हुआ ट्यूमर प्रमुख कारण बना।
नरसिंह को 2014 में बालोद वन परिक्षेत्र से रेस्क्यू कर नंदनवन लाया गया था। यहां के वन्यप्रेमियों और पर्यटकों के लिए वह केवल एक जानवर नहीं, बल्कि वन्यजीवन का जीवंत प्रतीक बन चुका था। उसकी मौजूदगी बच्चों और फोटोग्राफरों के लिए जंगल का रोमांच थी, जो अब केवल यादों में सिमट कर रह जाएगी।
बीमारी और अंतिम क्षण
वन विभाग के अनुसार, बढ़ते ट्यूमर के चलते नरसिंह ने भोजन, पानी और दवाओं का सेवन लगभग बंद कर दिया था। वन चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी हालत में सुधार नहीं हो सका। अंततः जंगल सफारी प्रबंधन ने नरसिंह की मृत्यु की पुष्टि की और पोस्टमार्टम के बाद विधिवत अंतिम संस्कार किया गया।
शिफ्टिंग योजना पर विराम
नंदनवन के चार तेंदुओं को जंगल सफारी रायपुर में स्थानांतरित किए जाने की योजना थी, लेकिन नरसिंह की मृत्यु ने इस प्रक्रिया को भावनात्मक मोड़ दे दिया है। अब शेष तेंदुओं को शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन वन्य प्रेमियों के दिल में नरसिंह की जगह खाली रहेगी।