RBI Reports : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पर्यावरण के अनुकूल मुद्रा प्रबंधन की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। केंद्रीय बैंक अब कटे-फटे पुराने बैंक नोटों का उपयोग लकड़ी के बोर्ड (पार्टिकल बोर्ड) बनाने में करेगा। इस पहल के तहत, ऐसे बोर्ड बनाने वाले निर्माताओं को आरबीआई द्वारा पैनल में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
RBI Reports : आरबीआई की 2024-25 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर वर्ष बैंक नोटों के टुकड़े या उनसे बने ब्रिकेट्स का कुल वजन लगभग 15,000 टन होता है। अब तक इनका निपटान पारंपरिक तरीके से – जैसे ज़मीन में गाड़ना या ईंधन के रूप में जलाना – किया जाता रहा है, जो पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है। इसी को ध्यान में रखते हुए आरबीआई अब हरित विकल्पों की ओर बढ़ रहा है।
RBI Reports : नोट छपाई पर 6,372 करोड़ रुपये खर्च
RBI Reports : वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक नोटों की छपाई पर आरबीआई का व्यय करीब 25 प्रतिशत बढ़कर 6,372.8 करोड़ रुपये पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष 5,101.4 करोड़ रुपये था। इस दौरान प्रचलन में नोटों की कुल मात्रा 5.6 प्रतिशत और उनका मूल्य 6 प्रतिशत बढ़ा। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मूल्य के लिहाज से ₹500 के नोटों की हिस्सेदारी 86% रही, जो मामूली रूप से घटी है।
RBI Reports : डिजिटल लेनदेन और यूपीआई का बढ़ता उपयोग
RBI Reports : आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में युवाओं द्वारा डिजिटल लेनदेन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी ‘व्यापक मॉड्यूलर सर्वेक्षण: दूरसंचार-2025’ में बताया गया कि 15-29 वर्ष आयु वर्ग के 99.5% युवा यूपीआई के माध्यम से ऑनलाइन बैंकिंग लेनदेन करने में सक्षम हैं।
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RBI Reports : इस आयु वर्ग के 97.1% लोगों ने पिछले तीन महीनों में मोबाइल फोन का उपयोग किया, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 96.8% और शहरी क्षेत्रों में 97.6% रहा। ग्रामीण युवाओं में 95.5% और शहरी युवाओं में 97.6% के पास स्मार्टफोन हैं।
RBI Reports : ई-रुपये का चलन बढ़ा
RBI Reports : देश में केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा यानी सीबीडीसी (ई-रुपया) का प्रसार भी तेज़ी से हो रहा है। मार्च 2025 के अंत तक ई-रुपये का कुल मूल्य 1,016 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मार्च 2024 में मात्र 234 करोड़ रुपये था। आरबीआई ने सीमापार भुगतान के लिए भी सीबीडीसी के उपयोग की संभावनाओं पर विचार शुरू कर दिया है, हालांकि इसकी समयसीमा तय नहीं की गई है।