israel News : पिछले दो वर्षों से गाजा में हमास के खिलाफ अभियान चला रहे इज़राइल को अब यूरोपीय देशों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। फ्रांस ने फिलिस्तीन को मान्यता देने की बात कही है, वहीं ब्रिटेन ने भी संकेत दिए हैं कि अगर गाजा में लड़ाई नहीं रुकी तो वह भी इसी दिशा में विचार कर सकता है। इस बीच, नीदरलैंड ने इज़राइल के दो प्रमुख नेताओं — विदेश मंत्री बेजालेल स्मॉट्रिक और सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर — के देश में प्रवेश पर रोक लगा दी है। साथ ही, कई यूरोपीय देशों ने इज़राइल को दी जाने वाली रिसर्च फंडिंग में कटौती का भी निर्णय लिया है। इन घटनाक्रमों से इज़राइल की यूरोप में स्थिति पहले से अधिक अलग-थलग होती दिखाई दे रही है।
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israel News : अमेरिका अब भी इज़राइल का खुलकर समर्थन कर रहा है, लेकिन यूरोप की दूरी बढ़ना चिंता का विषय बनता जा रहा है। फ्रांस के रुख पर इज़राइल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उसका कहना है कि फिलिस्तीन को मान्यता देना हमास के आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसे आर्थिक समर्थन देने जैसा है। इज़राइल ने चेतावनी दी है कि फ्रांस इस तरह के कदम उठाकर “आग से खेल” रहा है। दूसरी ओर, यूरोपीय देश गाजा में बिगड़ते हालात को अमानवीय बताते हुए इज़राइल पर दबाव बना रहे हैं। इसी दबाव के चलते इज़राइल ने हर दिन 10 घंटे तक सैन्य कार्रवाई रोकने की बात कही है ताकि मानवीय मदद पहुंचाई जा सके।
israel News : नीदरलैंड का भी कहना है कि उसका फैसला गाजा में मानवीय स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में है। वहां की सरकार का मानना है कि स्मॉट्रिक और बेन ग्विर जैसे नेताओं के बयानों से हिंसा को बढ़ावा मिला है और गाजा की स्थिति और बिगड़ी है। नीदरलैंड की ओर से इज़राइल के राजदूत मोदी एफरैम को तलब करने की तैयारी भी की जा रही है। विदेश मंत्री कासपर वालदेकाम्प ने एक आधिकारिक पत्र में सांसदों को सूचित किया है कि इन दोनों नेताओं पर देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। यूरोपीय संघ की यह सख्त प्रतिक्रिया यह भी दर्शाती है कि वह इस मामले में अमेरिका की नीतियों से सहमत नहीं है।
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