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Health News : मानसून में बच्चों को टाइफाइड क्यों होता है? जानिए कारण, लक्षण, बचाव और वैक्सीन से जुड़ी अहम बातें

Health News : रायपुर। बरसात का मौसम बच्चों के लिए कई बीमारियां साथ लेकर आता है, जिनमें सबसे खतरनाक संक्रमणों में से एक है टाइफाइड। यह बीमारी दूषित पानी, गंदा खाना और खराब हाइजीन के जरिए बच्चों पर जल्दी असर डालती है। गाजियाबाद जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग में कार्यरत डॉ. विपिनचंद्र उपाध्याय ने बताया कि मानसून में टाइफाइड के मामलों में अचानक वृद्धि होना आम बात है।

बच्चों में टाइफाइड क्यों ज्यादा होता है?

टाइफाइड एक संक्रामक रोग है जो Salmonella Typhi नामक बैक्टीरिया से होता है। यह बैक्टीरिया दूषित पानी, सड़कों पर बिकने वाले अस्वच्छ खाने और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैलता है।

  • बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण वे जल्दी संक्रमण का शिकार हो जाते हैं।
  • बच्चे अक्सर बिना हाथ धोए खाना खा लेते हैं, नाखून चबाते हैं या गंदा पानी पी लेते हैं — ये सब जोखिम बढ़ाते हैं।
  • भारत में टाइफाइड के सबसे अधिक मामले 5 से 15 साल के बच्चों में पाए जाते हैं, विशेषकर ग्रामीण व झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में।
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मानसून में टाइफाइड क्यों बढ़ता है?

डॉ. उपाध्याय बताते हैं कि बारिश में जगह-जगह जलभराव, सीवेज का मिलना, और खुले में बिकने वाला खान-पान बैक्टीरिया के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं।

  • कई बार कटे फल, कुल्फी, चाट, गोलगप्पे जैसी चीजें भी गंदे पानी से बनती हैं, जिन्हें बच्चे बिना सोचे खा लेते हैं।
  • स्कूलों या आंगनबाड़ी केंद्रों में साफ पानी और स्वच्छ रसोई की कमी से भी यह संक्रमण फैल सकता है।
टाइफाइड से कैसे बचाएं अपने बच्चों को?
  • हमेशा उबला हुआ या अच्छे वाटर फिल्टर वाला पानी दें।
  • खाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोने की आदत डालें।
  • सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बच्चों को दूर रखें।
  • बच्चों के टिफिन, पानी की बोतल और खाने के बर्तन साफ रखें।
  • बचपन में ही टाइफाइड का टीका लगवाएं।
  • क्या टाइफाइड की वैक्सीन मौजूद है?
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भारत में दो तरह के वैक्सीन उपलब्ध हैं:

  1. Typhoid Conjugate Vaccine (TCV) – यह 2 साल की उम्र में लगाया जाता है और लगभग 3 साल तक सुरक्षा देता है।

  2. Vi Polysaccharide Vaccine – थोड़ा पुराना वैक्सीन, जो TCV से कम असरदार माना जाता है।

WHO की सिफारिश है कि TCV को प्राथमिकता दी जाए क्योंकि इसकी एक खुराक से 80-90% सुरक्षा मिलती है।

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टाइफाइड के लक्षण क्या होते हैं?
  • लगातार तेज़ बुखार
  • थकान, सुस्ती, भूख न लगना
  • पेट दर्द, कब्ज या दस्त
  • जीभ पर सफेद परत
  • हल्का गुलाबी रैश या मुँह सूखना

अगर बच्चा इन लक्षणों से जूझ रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

टाइफाइड की जांच कैसे होती है?
  • Widal Test
  • Typhi Dot Test
  • Blood Culture

इन टेस्ट से टाइफाइड की पुष्टि होती है। अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह बीमारी आंतों को फाड़ सकती है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।

इलाज में क्या सावधानी जरूरी है…

टाइफाइड के लिए आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स दिया जाता है, जिसे बीच में छोड़ना नहीं चाहिए। साथ ही, संक्रमण के बाद पर्याप्त आराम, तरल पदार्थ और हल्का खाना जरूरी होता है।

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