जम्मू-कश्मीर | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है। इस हमले में निर्दोष नागरिकों की जान जाने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान को उसके कायराना रवैये का सख्त जवाब देने का फैसला किया है। सरकार ने न केवल सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है, बल्कि पाकिस्तान उच्चायोग के रक्षा और सैन्य सलाहकारों को भारत छोड़ने का आदेश भी दे दिया है।
अगर पानी रुका, तो दरिया में खून बहेगा।”
यह धमकी लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद के पुराने वीडियो में दी गई है, जिसे अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों द्वारा फिर से वायरल कराया जा रहा है।
पाकिस्तान में मची हलचल
भारत के इन सख्त फैसलों के बाद इस्लामाबाद में हड़कंप मच गया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (CCS) की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें भारत की आगामी रणनीतिक प्रतिक्रियाओं से निपटने पर विचार किया जा रहा है।
आतंकी नेटवर्क ने तेज की हरकतें
इस बीच, पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद का पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह भारत को धमकी देता है कि यदि पानी रोका गया तो “दरिया में खून बहेगा”।
अटारी-वाघा सीमा पूरी तरह सील
वहीं, पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड सैफुल्लाह खालिद कसूरी ने सामने आकर बयान दिया है। भारत के जवाबी कदमों से वह इतना घबराया हुआ है कि उसने हमले में किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया है। इससे साफ है कि भारत की रणनीति का प्रभाव आतंक के आकाओं तक पहुंच चुका है।
सीसीएस की ढाई घंटे लंबी मैराथन बैठक के बाद भारत सरकार ने अटारी-वाघा सीमा को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला लिया। यह भारत-पाकिस्तान के बीच एकमात्र सक्रिय भूमि सीमा मार्ग था, जो अब पूरी तरह सील कर दिया गया है। हालांकि, जो भारतीय नागरिक वैध परमिट के तहत पाकिस्तान में हैं, वे 1 मई तक भारत लौट सकते हैं।
सात दिनों के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश
भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायुसेना के सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित करते हुए सात दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत ने इस्लामाबाद से अपने समकक्ष अधिकारियों को भी वापस बुला लिया है। अब दोनों देशों में इन पदों को निरस्त माना जाएगा।
भारत का स्पष्ट संदेश: आतंकवाद पर अब कोई नरमी नहीं
मोदी सरकार के इन मजबूत और निर्णायक कदमों से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब आतंकवाद को लेकर किसी भी प्रकार की सहनशीलता नहीं अपनाएगा। चाहे वह जल कूटनीति हो, सैन्य दबाव या कूटनीतिक कार्रवाई—अब हर मोर्चे पर पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब मिलेगा।