रायपुर। Bharatmala Project Scam : भारतमाला परियोजना घोटाले में फरार चल रहे छह राजस्व अधिकारियों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए BNSS 2023 की धारा 84 के तहत उद्घोषणा (Proclamation) जारी की है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि ये सभी अधिकारी 29 जुलाई 2025 तक न्यायालय में पेश हों, अन्यथा गैरजमानती वारंट (NBW) और संपत्ति कुर्की जैसी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
Bharatmala Project Scam : घोटाले में शामिल अधिकारियों में एसडीएम से लेकर पटवारी तक के नाम शामिल हैं। ये अधिकारी लंबे समय से कोर्ट की पेशी से बच रहे थे। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद इनमें से कोई भी अदालत में पेश नहीं हुआ, जिसके बाद कोर्ट को यह कदम उठाना पड़ा।
किन अधिकारियों के खिलाफ जारी हुई उद्घोषणा?
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निर्भय कुमार साहू – अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)
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शशिकांत कुर्रे – तहसीलदार
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लखेश्वर प्रसाद किरण – नायब तहसीलदार
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जितेन्द्र कुमार साहू – पटवारी
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बसंती घृतलहरे – पटवारी
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लेखराम देवांगन – पटवारी
इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का घोटाला किया।
क्या है भारतमाला घोटाला?
भारतमाला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय राजमार्ग योजना है, जिसके तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक 463 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। इस योजना के भूमि अधिग्रहण में 43 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला सामने आया है। आरोप है कि अधिकारियों ने:
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159 खसरा नंबरों में फर्जी टुकड़ीकरण किया
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80 नए फर्जी नामों को रिकॉर्ड में जोड़कर मुआवजा दिलाया
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29.5 करोड़ की भूमि कीमत बढ़ाकर 78 करोड़ दिखा दी
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
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मामले में शामिल कुछ अधिकारियों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है
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246 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया जा चुका है
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78 करोड़ की राशि पर रोक लगा दी गई है
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हाल ही में एक निलंबित पटवारी की आत्महत्या से मामला और संवेदनशील हो गया है
क्या है उद्घोषणा?
कोर्ट द्वारा जारी उद्घोषणा एक सार्वजनिक चेतावनी है जिसमें आरोपियों को अंतिम बार अदालत में पेश होने का मौका दिया जाता है। अगर वे 29 जुलाई तक पेश नहीं होते, तो:
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गैरजमानती वारंट जारी होगा
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संपत्ति कुर्की की कार्रवाई शुरू होगी
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आरोपी को फरार घोषित कर राष्ट्रीय स्तर पर नोटिस जारी किया जाएगा