राजगढ़ (म.प्र.) —Rajgarh MP News : खेती की उम्मीद लिए दलित किसान हीरालाल जब अपने खेत की ओर देखता है, तो वहां जेसीबी की धमक सुनाई देती है। वह खेत, जो सरकार ने खुद उसे पट्टे पर दिया था, आज उस पर कब्जा करने वालों की मंशा इतनी भयावह है कि वे उसे “जेसीबी से कुचलकर गाड़ देने” की धमकी तक दे चुके हैं।
Rajgarh MP News : राजगढ़ जिले के ग्राम खेड़ी कुशलपुरा का यह मामला अब एक प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक बन गया है। पीड़ित हीरालाल का कहना है कि दो साल से उसे उसकी खुद की जमीन पर फसल नहीं बोने दी जा रही है। जब भी खेत में काम करने की कोशिश करता है, दबंग लोग मारपीट और धमकी पर उतर आते हैं।
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किसान की गुहार के बाद भी प्रशासन अब तक मूकदर्शक बना हुआ है। पुलिस भी जांच का हवाला देकर टालती रही है। अब थक-हार कर हीरालाल ने ऐलान किया है कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह आगामी जनसुनवाई में अपने पूरे परिवार के साथ कलेक्टर कार्यालय के सामने आत्मदाह करेगा।
यह घटना सवाल उठाती है—
क्या सरकार की ‘भूमि अधिकार’ योजनाएं सिर्फ़ कागज़ों तक सीमित हैं?क्या दलितों को अब भी न्याय के लिए अपनी जान की बोली लगानी पड़ेगी?