Mauganj News : अभय मिश्रा /मऊगंज :नईगढ़ी थाना क्षेत्र में युवक की संदिग्ध मौत के बाद लोगों का गुस्सा इस कदर फूटा कि थाने का घेराव कर दिया गया। सड़क पर शव रखकर ग्रामीणों ने जाम लगाया और प्रदर्शन किया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर आरोपियों को बचा रही है और थाना प्रभारी खुद प्रदर्शनकारियों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं।
Mauganj News : थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने मृतक के परिजनों के साथ अभद्रता की, उन्हें घसीटा और जेल में डालने की धमकी दी। सवाल यह उठता है कि क्या न्याय मांगना अपराध है? और क्या पुलिस का काम दबाना है या न्याय दिलाना?”
Mauganj News : “यह तस्वीरें हैं मऊगंज जिले के नईगढ़ी थाना की… जहां शनिवार सुबह गुस्साए ग्रामीणों ने युवक की मौत के विरोध में थाने का घेराव किया। शव को एम्बुलेंस में रखकर दर्जनों ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ लोग पहुंचे और थाने के बाहर जाम लगाकर प्रदर्शन करने लगे।”मामला रिझओह गांव का है — जहां आठ दिन पहले गांव के ही कुछ लोगों ने एक युवक को घर से बुलाया, शराब पिलाई और बेरहमी से पीटा। युवक अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ता रहा… लेकिन आठवें दिन मौत ने उसे निगल लिया।
Mauganj News : “परिजनों का आरोप है कि वारदात में 7 से 8 लोग शामिल थे लेकिन पुलिस ने सिर्फ चार नामजद आरोपियों पर ही एफआईआर दर्ज की। बाकियों को या तो बचाया जा रहा है या उन्हें थाना प्रभारी का संरक्षण प्राप्त है।”ग्रामीणों का गुस्सा तब और भड़क उठा जब थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर ने प्रदर्शन कर रहे परिजनों को मीडिया के सामने घसीटा और जेल भेजने की धमकी दी।
Mauganj News : सवाल यह है कि क्या पुलिस का यही चेहरा रह गया है?””ग्रामीणों ने थाना प्रभारी के निलंबन और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।”अब देखना ये होगा कि मऊगंज प्रशासन इस जनआक्रोश को कैसे संभालता है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं…