इंदौर, मध्यप्रदेश: इंदौर में 8 साल पुराने 42 करोड़ रुपए के आबकारी चालान घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार सुबह बड़ी कार्रवाई की। ईडी की टीम ने सुरक्षा गार्डों के साथ कई शराब ठेकेदारों के निवास स्थलों पर छापेमारी की, जिसमें अपोलो डीबी सिटी के एक फ्लैट पर भी दबिश दी गई। यह घोटाला 2016-17 में उजागर हुआ था, जब ठेकेदारों और आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से हजारों के बैंक चालानों को लाखों में बदलकर गोदामों से अवैध रूप से शराब उठाई गई थी। इस फर्जीवाड़े के कारण सरकार को भारी राजस्व नुकसान हुआ, लेकिन अब तक सिर्फ 20 करोड़ रुपए की ही वसूली हो सकी है।
14 ठेकेदारों और अफसरों के खिलाफ पहले भी कार्रवाई
रावजी बाजार पुलिस ने 2017 में 14 ठेकेदारों और 6 आबकारी अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी के केस दर्ज किए थे। ठेकेदारों में राकेश जायसवाल, योगेंद्र जायसवाल, राहुल चौकसे और अन्य शामिल हैं, जबकि जिला आबकारी अधिकारी संजीव दुबे सहित अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। ऑडिट रिपोर्ट में 42 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का खुलासा हुआ था, और बाद में यह भी अनुमान लगाया गया कि घोटाले की राशि 100 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। ईडी अब इन ठेकेदारों की चल-अचल संपत्तियों और बैंक खातों की गहन जांच कर रही है।
अब ईडी से उम्मीद, बड़े खुलासे संभव
ईडी ने आबकारी विभाग से पांच बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी और अब वह शराब ठेकेदारों की वित्तीय लेन-देन और संपत्तियों की गहराई से जांच कर रही है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही कई लोगों को पूछताछ के लिए समन भेजा जा सकता है। इस कार्रवाई से उम्मीद है कि जिनसे अब तक आधी वसूली भी नहीं हो सकी थी, उनसे अब कठोर वसूली हो पाएगी और घोटाले के मास्टरमाइंड्स पर भी शिकंजा कसा जाएगा।