Van Bandhu Council : रायपुर। सेवा, संस्कृति और समाजोत्थान के लक्ष्य के साथ वन बंधु परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक एवं वार्षिक आमसभा का आयोजन आज रायपुर के जैनम भवन में विधिवत प्रारंभ हुआ। इस महत्वपूर्ण आयोजन में देशभर के 46 चैप्टर्स और सब-चैप्टर्स से लगभग 300 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। यह आयोजन केवल एक बैठक नहीं, बल्कि एक व्यापक रणनीतिक यात्रा है जो वनवासी समुदायों के हित में प्रभावशाली कार्ययोजना के निर्माण की दिशा में अग्रसर है।
सेवा की नई रणनीति पर मंथन
परिषद की मीडिया प्रभारी कविता राठी ने जानकारी दी कि इस आयोजन में पद्मश्री श्री रामेश्वरलाल काबरा भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। बैठक को सफल बनाने के लिए रायपुर चैप्टर के अलावा बिलासपुर, धमतरी और दुर्ग चैप्टरों के पदाधिकारियों के साथ मिलकर 10 से अधिक व्यवस्थापन समितियों का गठन किया गया है। प्रदेश उपाध्यक्ष अनिता खंडेलवाल ने बताया कि दो दिवसीय इस बैठक में छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति, लोक कला और पर्यटन स्थलों से आगंतुकों को परिचित कराने की व्यवस्था की गई है। शुक्रवार को हुई गवर्निंग बोर्ड की बैठक में वनवासी समुदायों के लिए भावी सेवा कार्यों की रणनीति तैयार की गई।

सांस्कृतिक गौरव के क्षण
शनिवार की रात रानी अहिल्याबाई होलकर की जीवनी पर आधारित एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जो समाज को प्रेरणा देने वाला होगा। इसके माध्यम से भारत के ऐतिहासिक और नैतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने का संदेश दिया जाएगा।
वन यात्रा और आस्था से जुड़ाव
बैठक के बाद परिषद के प्रतिनिधि 14 जुलाई को “वन यात्रा” पर निकलेंगे, जिसमें चम्पारण स्थित महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के प्राकट्य स्थल के दर्शन और कैवल्यधाम की यात्रा शामिल है। यह यात्रा वनवासी संस्कृति और आस्था से जुड़ने की परिषद की गहरी भावना को दर्शाती है।
राष्ट्रीय नेतृत्व की भागीदारी
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सरावगी, कार्यकारी अध्यक्ष रमेश माहेश्वरी, महामंत्री गीता मुंदड़ा, महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष विनीता जाजू, राष्ट्रीय सहसचिव घनश्याम मुंदड़ा, प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग लाल अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष दीपक भीमसरिया सहित रायपुर चैप्टर के संरक्षक और पदाधिकारी—कमल सारडा, चंदन जैन, अनिल डागा, कांता सिंघानिया, सरिता रखनी, अनिल मुंदड़ा, दिव्यम अग्रवाल, बिंदिया अग्रवाल और किरण अग्रवाल सहित कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।

वन बंधु परिषद का यह वार्षिक आयोजन न केवल वनवासी समाज के लिए नई योजनाओं की नींव रखता है, बल्कि सेवा, संस्कृति और समर्पण की त्रिवेणी को एक नए आयाम तक ले जाने का प्रयास भी करता है। आने वाले दिनों में इसकी सशक्त योजनाओं का लाभ देश के दूरस्थ वनवासी क्षेत्रों तक पहुंचने की उम्मीद है।