Trade Agreements : नई दिल्ली | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान ने एक बार फिर भारत की सियासी सरगर्मियों को हवा दे दी है। शनिवार को एक सार्वजनिक बयान में ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को व्यापार समझौते के ज़रिए रोका। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि इस टकराव में पांच लड़ाकू विमान गिराए गए, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि ये विमान किस देश के थे। ट्रंप के इस दावे ने भारत में राजनीतिक बहस को गर्मा दिया है। कांग्रेस पार्टी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद के मानसून सत्र में सीधा और स्पष्ट स्पष्टीकरण की मांग की है।
कांग्रेस ने उठाए तीखे सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक दो दिन पहले, ‘ट्रंप मिसाइल’ 24वीं बार दागी गई और हर बार की तरह इस बार भी वही दो बातें दोहराई गईं।”
उन्होंने पूछा कि क्या भारत ने अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते के लिए पाकिस्तान से युद्ध टालने जैसा गंभीर कदम उठाया?
रमेश ने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री को स्वयं संसद में खड़े होकर ट्रंप के इन निरंतर दावों पर देश को ठोस और पारदर्शी जवाब देना चाहिए।
सरकार की ओर से मौन, भारत ने पहले ही किया था खंडन
सरकार की ओर से इस मामले में अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विदेश मंत्रालय पहले ही ट्रंप के इसी प्रकार के पिछले बयानों को “एकपक्षीय और तथ्यहीन” करार दे चुका है। भारत का आधिकारिक रुख यह रहा है कि मई 2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच जो भी तनाव कम हुआ, वह सैन्य कमांड स्तर पर DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) की वार्ताओं के माध्यम से हुआ, न कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से।
पृष्ठभूमि: ट्रंप के बार-बार के दावे
यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा किया है। उनके मुताबिक, “अगर युद्ध नहीं रुकता तो व्यापार समझौता नहीं हो सकता था।” कांग्रेस ने इसे राष्ट्र की प्रतिष्ठा के साथ समझौता करार दिया है और पूछा है कि किस कीमत पर यह व्यापार हुआ?