भोपाल, मध्य प्रदेश: Sawan Month 2025 : आज 11 जुलाई, शुक्रवार से देवों के देव महादेव की आराधना का पावन मास, श्रावण (सावन) का शुभारंभ हो रहा है। यह महीना 9 अगस्त को पूर्णिमा के साथ संपन्न होगा, और अपने साथ शिव भक्ति, प्रकृति का अप्रतिम सौंदर्य और मन की असीम शांति लेकर आ रहा है।
Sawan Month 2025 : भक्ति और प्रकृति का अनुपम संगम
सावन मास केवल व्रत-उपवास और पूजा-पाठ तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के नवजीवन का भी प्रतीक है। रिमझिम फुहारें, चारों ओर हरियाली और मिट्टी की सोंधी खुशबू इस महीने को और भी खास बना देती हैं। यह समय है जब प्रकृति अपने चरम सौंदर्य पर होती है और शिव भक्त भी पूरी श्रद्धा के साथ भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन हो जाते हैं।
शिवालयों में विशेष तैयारियां शुरू हो चुकी हैं, जहां सुबह से ही जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की कतारें लगेंगी। मंदिरों में ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से वातावरण गुंजायमान होगा।
कांवर यात्रा और बाजारों में उमंग
सावन का महीना कांवर यात्राओं के लिए भी जाना जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों से भक्त पवित्र नदियों का जल लेकर पैदल शिवधामों की ओर प्रस्थान करते हैं। इन यात्राओं में भक्तों का जज्बा, उत्साह और अटूट श्रद्धा देखने लायक होती है।
शहर के बाजार भी सावन के रंग में रंग चुके हैं। गेरुआ वस्त्र, भगवान शिव की छवियों वाले टी-शर्ट, त्रिशूल, रुद्राक्ष मालाएं और पूजा सामग्री की दुकानें सज चुकी हैं। महिलाएं हरे वस्त्र, चूड़ियाँ और मेहंदी खरीद रही हैं, जो इस महीने की हरियाली थीम को दर्शाता है। यह उमंग और उत्साह केवल भक्तों तक ही सीमित नहीं, बल्कि व्यापारियों के लिए भी यह एक अच्छे कारोबार की उम्मीद लेकर आता है।
आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व
ज्योतिषियों और आचार्यों के अनुसार, सावन मास में भगवान शिव की पूजा सबसे सरल और फलदायी मानी जाती है। कहा जाता है कि केवल जल और बेलपत्र से भी भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। यह महीना न केवल आध्यात्मिक शुद्धि का अवसर देता है, बल्कि प्रकृति से जुड़कर मानसिक शांति प्राप्त करने का भी श्रेष्ठ समय है।