रायगढ़, छत्तीसगढ़: रायगढ़ मरीन ड्राइव विवाद : रायगढ़ शहर के जेल पारा इलाके में प्रस्तावित मरीन ड्राइव परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। अपने घरों को तोड़े जाने के नोटिस से नाराज सैकड़ों की संख्या में लोग शुक्रवार देर रात सड़कों पर उतर आए और कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। इस अचानक हुए विरोध प्रदर्शन से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।
रायगढ़ मरीन ड्राइव विवाद : आधी रात को सड़क पर उतरे नाराज ग्रामीण
शहर के जेल पारा से सटे मोहल्ले में रहने वाले लोग अचानक मिले अपने घरों को खाली करने के नोटिस से भड़के हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना या उचित पुनर्वास योजना के जबरन उजाड़ा जा रहा है। लोगों का कहना है कि वे कई दशकों से इस जगह पर निवास कर रहे हैं और अब मरीन ड्राइव परियोजना के नाम पर उनसे उनके आशियाने छीने जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने और शहर के विकास के लिए नया शनि मंदिर से लेकर जेल पारा होते हुए जूट मिल के पीछे स्थित छठ पूजा स्थल तक एक मरीन ड्राइव का निर्माण प्रस्तावित है। इस परियोजना की जद में जेल पारा मोहल्ले के लगभग 100 से अधिक घर आ रहे हैं, जिन्हें तोड़ने के लिए नगर निगम ने नोटिस जारी किया है। इसी नोटिस ने स्थानीय लोगों के गुस्से को भड़का दिया है।
मौके पर पहुंचा भारी पुलिस बल, SDM ने संभाली कमान
जैसे ही बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों की भीड़ कलेक्टर कार्यालय पहुंची, पुलिस प्रशासन तत्काल हरकत में आ गया। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए देर रात ही भारी पुलिस बल मौके पर तैनात कर दिया गया ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। वहीं, रायगढ़ के एसडीएम महेश शर्मा भी तुरंत मौके पर पहुंचे और नाराज लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास करते दिखे। प्रशासन लोगों की समस्याओं को सुनने और समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन फिलहाल लोग अपनी जमीन और घरों को छोड़ने को तैयार नहीं हैं। यह देखना बाकी है कि प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच इस गतिरोध का क्या हल निकलता है।