मुंबई | Entertainment News : वरिष्ठ अभिनेता परेश रावल ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान मौजूदा डिजिटल कंटेंट की दिशा पर करारा व्यंग्य किया। जब उनसे पूछा गया कि फिल्मों और वेब सीरीज में कंटेंट को “संस्कारी” कैसे बनाया जा सकता है, तो उन्होंने एक मजेदार किस्से के जरिए समाज और मेकर्स की सोच पर चोट की। परेश बोले— “एक महिला ने पुलिस से शिकायत की कि सामने की बिल्डिंग में कोई नंगा घूम रहा है। पुलिस ने खिड़की से देखा और बोला कुछ दिख नहीं रहा, तो महिला बोली – स्टूल पर चढ़ के देखो ना!”
Entertainment News : उन्होंने इस उदाहरण से समझाया कि यदि किसी को गंदगी या नग्नता देखनी ही है तो वो ढूंढ ही लेगा—“स्टूल पर चढ़कर।” परेश रावल ने कहा, “हर चीज दिखाने के लायक नहीं होती। जो समाज में है, उसका एक जिम्मेदार प्रतिबिंब दिखना चाहिए। विवेक और संतुलन जरूरी है।”
उन्होंने ओटीटी पर बढ़ती अश्लीलता, गालियों और बेवजह सेक्स सीन्स पर भी निशाना साधा—“हर दूसरी-तीसरी सीरीज में गालियां, सेक्स सीन ठूंस दिए जाते हैं, जबकि कहानी से उनका कोई लेना-देना नहीं होता। लोग इससे ऊब गए हैं, पर मेकर्स नहीं थकते। आखिरकार सरकार को दखल देना पड़ा।”
परेश रावल के इस बयान से न सिर्फ डिजिटल कंटेंट की गिरती गुणवत्ता पर बहस तेज हुई है, बल्कि दर्शकों की बदलती अपेक्षाओं पर भी रोशनी डाली है।