Tej Pratap Yadav : नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए बाहर कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने तेज प्रताप को घर से भी निकाल दिया। इस फैसले ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है, खासकर जब विधानसभा चुनाव करीब हैं।
Tej Pratap Yadav : लालू यादव ने अपने आधिकारिक पोस्ट में कहा कि निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अनदेखी सामाजिक न्याय के संघर्ष को कमजोर करती है। उन्होंने लिखा कि तेज प्रताप का व्यवहार पारिवारिक मूल्यों और लोक आचरण के अनुरूप नहीं है। इसलिए उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से दूर किया जा रहा है। आगे उन्होंने स्पष्ट किया कि अब तेज प्रताप का पार्टी या परिवार से कोई संबंध नहीं रहेगा और उन्हें छह साल के लिए आरजेडी से निष्कासित किया जाता है।
Tej Pratap Yadav : तेज प्रताप की बहन रोहिणी आचार्य ने अपने पोस्ट में लिखा कि जो परिवार की प्रतिष्ठा और मर्यादा को बार-बार लांघते हैं, वे आलोचना के पात्र बनते हैं। उन्होंने अपने पिता, पार्टी और सामाजिक न्याय की अवधारणा को अपनी आस्था बताया।
Tej Pratap Yadav : तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर कहा कि राजनीतिक और निजी जीवन अलग होते हैं, और उनके बड़े भाई को अपने फैसले लेने का अधिकार है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि लालू प्रसाद यादव ने अपने विचार स्पष्ट कर दिए हैं।
Tej Pratap Yadav : तेज प्रताप यादव ने हाल ही में अपने फेसबुक अकाउंट से एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने खुद को अनुष्का यादव के साथ 12 साल के रिश्ते में बताया। इस पोस्ट के वायरल होते ही बवाल मच गया और उनके शादी करने की अटकलें लगने लगीं। हालांकि कुछ ही देर बाद तेज प्रताप ने दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। लेकिन तब तक लालू यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार से निकालने का फैसला कर लिया था।
Tej Pratap Yadav : तेज प्रताप यादव अक्सर अलग-अलग रूपों में दिखाई देते हैं — कभी कृष्ण बनकर मुरली बजाते हैं, तो कभी शिव के वेश में। राधा रानी मंदिर में जन्मदिन मनाना, होली पर स्कूटर चलाना, मथुरा में साइकिलिंग और राजगीर में तीरंदाजी जैसे उनके कई रूप सोशल मीडिया पर देखे गए हैं।
Tej Pratap Yadav : बीजेपी, जेडीयू और चिराग पासवान की पार्टी समेत विपक्षी दलों ने लालू यादव के इस फैसले को ‘राजनीतिक स्टंट’ करार दिया है। उनका कहना है कि यह सिर्फ चुनावी माहौल में सहानुभूति और नैतिकता दिखाने का प्रयास है। वे यह भी आरोप लगा रहे हैं कि पहले जब तेज प्रताप की पहली शादी में विवाद हुआ था, तब लालू यादव चुप रहे और अब चुनावी फायदा उठाने के लिए यह कार्रवाई की गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप यादव इस फैसले के बाद क्या कदम उठाते हैं और बिहार की राजनीति में इसका असर किस रूप में सामने आता है।