भिंड। MP Big News : मध्यप्रदेश के भिंड जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल फुटेज में कलेक्टर एक छात्र की पिटाई करते नजर आ रहे हैं। यह मामला भले ही 3 से 4 महीने पुराना बताया जा रहा है, लेकिन वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासनिक आचरण पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
MP Big News : क्या है मामला?
जानकारी के अनुसार, यह घटना बीएससी सेकंड ईयर की यूनिवर्सिटी परीक्षा के दौरान मेहगांव के नाथूराम कॉलेज एवं दीनदयाल डंगरौलिया कॉलेज की है। कलेक्टर को सूचना मिली थी कि परीक्षा केंद्रों पर खुलेआम नकल चल रही है। इसी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर कॉलेज में पहुंचे थे।
क्लासरूम में भ्रमण के दौरान उन्हें एक छात्र ऐसा मिला जिसके पास पेपर नहीं था। बताया जा रहा है कि कॉलेज प्रबंधन ने छात्र का पेपर हल करवाने के लिए बाहर भेज दिया था, जिससे वह परीक्षा कक्ष में बिना प्रश्नपत्र के बैठा था। इसी पर कलेक्टर भड़क उठे और उन्होंने पहले परीक्षा कक्ष में ही छात्र को पीटा, फिर प्राचार्य कक्ष में ले जाकर दोबारा चांटे जड़ दिए। दो अलग-अलग सीसीटीवी फुटेज में यह घटना रिकॉर्ड हुई, जो अब सार्वजनिक हो चुकी हैं।
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प्रशासन पर सवाल
वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया और शिक्षा जगत में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। आमजन का कहना है कि कलेक्टर को कानून के दायरे में रहते हुए कार्रवाई करनी चाहिए थी। उनके पास यह अधिकार था कि छात्र पर नकल की कार्रवाई करें या केंद्र को अमान्य घोषित कर दें, लेकिन मारपीट करना कानूनन और नैतिक रूप से गलत है।
अब तक क्या हुआ?
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने उक्त कॉलेज को आगामी सत्र में परीक्षा केंद्र न बनाए जाने की सिफारिश विश्वविद्यालय को भेज दी है। हालांकि छात्र या कॉलेज प्रबंधन पर कोई अन्य कार्रवाई नहीं की गई है।
सवाल ये उठता है:
क्या एक अधिकारी को कानून अपने हाथ में लेने की छूट है? नकल रोकने के नाम पर अगर छात्र को शारीरिक दंड दिया जाता है, तो इससे शिक्षा और शासन दोनों की गरिमा पर सवाल उठता है।