Monsoon Session : नई दिल्ली| संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को करीब डेढ़ घंटे तक चली सर्वदलीय बैठक में सरकार और विपक्ष आमने-सामने नजर आए। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को जानकारी दी कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन यह बहस संसद के नियमों और प्रक्रिया के तहत ही होगी। रिजिजू ने साफ किया कि “सरकार किसी भी बहस से पीछे नहीं हटेगी। विपक्ष द्वारा उठाए गए तमाम मुद्दों पर सदन के भीतर जवाब दिया जाएगा। संसद को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की है।”
पीएम मोदी की मौजूदगी की मांग
बैठक में विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर, और मणिपुर की स्थिति जैसे अहम मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसद में उपस्थिति की मांग की। इस पर रिजिजू ने कहा कि पीएम मोदी बहस में भले हिस्सा न लें, लेकिन वे हमेशा संसद परिसर में मौजूद रहते हैं।
17 बिल पेश करेगी सरकार
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, मॉनसून सत्र के दौरान सरकार 17 विधेयक सदन में पेश करने जा रही है। इनमें न्यू टैक्स बिल समेत कई अहम कानून शामिल हैं। रिजिजू ने यह भी स्पष्ट किया कि “बाहर मीडिया में हर सवाल का जवाब नहीं दिया जा सकता, सरकार सदन में चर्चा के दौरान ही विपक्ष के सभी प्रश्नों का उत्तर देगी।”

विपक्ष की मुख्य मांगें
- बैठक में विपक्ष ने निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की मांग रखी:
- पहलगाम हमले और उपराज्यपाल के बयानों पर चर्चा
- अमेरिका के ताज़ा भारत-पाक बयान पर बहस
- बिहार में वोटर लिस्ट संशोधन को लेकर चिंता
- मणिपुर हिंसा की स्थिति और नॉर्थ ईस्ट की शांति
- भारत-चीन-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा हालात
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जस्टिस वर्मा पर महाभियोग प्रस्ताव
बैठक में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को लेकर भी चर्चा हुई। रिजिजू ने पुष्टि की कि सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव सदन में लाने जा रही है। उनके घर से भारी मात्रा में नकदी और जले हुए नोट मिलने के बाद विपक्ष लंबे समय से कार्रवाई की मांग कर रहा था।
सरकार के अनुसार, 100 से अधिक सांसद इस प्रस्ताव के पक्ष में हस्ताक्षर कर चुके हैं। हालांकि, प्रस्ताव पेश करने की तय समय-सीमा फिलहाल नहीं बताई गई है।