Hindi Vs Marathi :मुंबई| महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद एक बार फिर उबाल पर है। इस बार बहस का मैदान बना मुंबई लोकल ट्रेन का जनरल डिब्बा, जहां सीट को लेकर दो महिलाओं के बीच बहस अचानक एक भाषाई टकराव में बदल गई।
वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि ट्रेन में भीड़ के बीच 6-7 महिलाएं एक खाली सीट के लिए बहस कर रही थीं। तभी एक महिला दूसरी पर मराठी में न बोलने को लेकर बरस पड़ी और धमकी देते हुए कहा—”अगर मुंबई में रहना है तो मराठी बोलो, वरना बाहर जाओ!”
देखते ही देखते बहस ने तूल पकड़ लिया और वीडियो सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गया।
घटना के बाद जांच शुरू
इस घटना के बाद RPF (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) और GRP (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) ने वीडियो के आधार पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि यह मामला अब महज सीट की लड़ाई नहीं, बल्कि सामाजिक और भाषाई सौहार्द से जुड़ चुका है।
भाषा विवाद के ताज़ा उदाहरण:
- विक्रोली (मुंबई): एक दुकानदार को व्हाट्सएप स्टेटस को लेकर माफ़ी मांगने पर मजबूर किया गया।
- ठाणे: स्ट्रीट फूड विक्रेता को मराठी में बात न करने पर थप्पड़ मारा गया।
- पालघर: प्रवासी ऑटो चालक को पीटा गया, आरोप मनसे और उद्धव गुट के कार्यकर्ताओं पर।
- मुंबई: व्यापारी सुशील केडिया के ऑफिस में तोड़फोड़, क्योंकि उन्होंने कहा—”मैं मराठी नहीं सीखूंगा।”
राजनीतिक बयानबाज़ी भी शुरू
उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा—“भक्ति में भाषा का बंधन नहीं होना चाहिए। हम मारुति स्तोत्र पढ़ते हैं, आप हनुमान चालीसा पढ़िए, क्या फर्क है?”
वहीं, मनसे कार्यकर्ताओं पर लगे हिंसा के आरोपों ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में तूफान ला दिया है।
भाषा बनाम पहचान : एक पुरानी बहस का नया चेहरा
महाराष्ट्र में भाषा को लेकर खिंची यह रेखा अब आम जनजीवन में भी गहराने लगी है। लोकल ट्रेन, बाजार, ऑफिस – हर जगह मराठी बनाम हिंदी की बहस अब टकराव में बदल रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं सामाजिक तनाव को बढ़ावा दे सकती हैं और प्रवासी बनाम स्थानीय की बहस को और जटिल बना देती हैं।