बीजापुर। CG News : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित पोटाकेबिन छात्रावासों में करोड़ों की अनियमितता उजागर हुई है। जिला प्रशासन की जांच में सामने आया कि बिना किसी वैध बिल या स्वीकृत दस्तावेजों के तीन फर्मों को कुल 42 लाख 78 हजार 475 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर अब दो शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
CG News : जांच रिपोर्ट के मुताबिक, सहायक जिला परियोजना अधिकारी पुरुषोत्तम चन्द्राकर और सहायक ग्रेड-2 संजीव मोरला ने अधीक्षकों पर दबाव बनाकर बिना किसी स्वीकृति के भुगतान की प्रक्रिया को अंजाम दिया। बीजापुर और भोपालपटनम ब्लॉक के कुल 11 पोटाकेबिनों में गड़बड़झाले के प्रमाण मिले हैं। इनमें कृत्विक इंटरप्राइजेस, एसबी कंस्ट्रक्शन और विमला इंटरप्राइजेस को लाखों का भुगतान किया गया।
चार एसडीएम द्वारा की गई संयुक्त जांच में पाया गया कि भैरमगढ़ और उसूर ब्लॉक में भुगतान प्रक्रिया सामान्य रही, लेकिन बीजापुर और भोपालपटनम क्षेत्र में भारी वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं। जिला प्रशासन अब पूरे मामले की गहन जांच कर रहा है और जल्द ही संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
डीईओ लखन लाल धनेलिया ने भी पुष्टि की कि निरीक्षण के दौरान पोटाकेबिनों में कई खामियां पाई गईं थीं, जिसके आधार पर यह जांच शुरू हुई। मामला शिक्षा व्यवस्था में गहराते भ्रष्टाचार की एक गंभीर तस्वीर पेश करता है।