बिलासपुर । Bilaspur News : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अब राहत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। लखमा की ओर से ईओडब्ल्यू और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में जमानत की अर्जी लगाई गई थी। मंगलवार को दोनों मामलों में सुनवाई हुई, जिसमें ईओडब्ल्यू के मामले में हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है, वहीं ईडी के केस में तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए एजेंसी को नोटिस जारी किया गया है।
Bilaspur News : पूर्व मंत्री की ओर से अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिहा ने पक्ष रखा। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकल पीठ ने सुनवाई के बाद मामले को अगस्त के पहले सप्ताह में अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
गौरतलब है कि विशेष अदालत में दाखिल 1100 पन्नों की चार्जशीट में लखमा पर 64 करोड़ रुपये की अवैध कमाई का आरोप है। ईडी और एसीबी ने अपनी जांच में पाया कि लखमा ने मंत्री रहते हुए विभागीय अधिकारियों की नियुक्ति, नीतिगत निर्णयों और टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दिया।
चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि इस घोटाले से हुई कमाई को लखमा ने न केवल खुद के लिए उपयोग किया, बल्कि इसमें अपने परिवार को भी लाभ पहुंचाया। जांच एजेंसियों के अनुसार, 18 करोड़ रुपये की राशि का दस्तावेजी साक्ष्य उनके द्वारा निवेश और खर्च के रूप में मिला है। फिलहाल, लखमा न्यायिक हिरासत में हैं और अब उनकी उम्मीदें उच्च न्यायालय से राहत मिलने पर टिकी हैं। अदालत के आगामी आदेश पर सबकी निगाहें हैं, क्योंकि यह घोटाला राज्य की राजनीति में भूचाल लाने वाला माना जा रहा है।