बिलासपुर। अरपा भैंसाझार घोटाला : अरपा भैंसाझार परियोजना के मुआवजा वितरण में करोड़ों की हेराफेरी के मामले में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। कोटा के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) आनंद रूप तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
अरपा भैंसाझार घोटाला : जांच में सामने आया कि एक ही खसरे की जमीन को अलग-अलग रकबा दर्शाकर मुआवजा वितरण किया गया, जिससे सरकारी खजाने को 3 करोड़ 42 लाख 17 हजार 920 रुपए की भारी क्षति हुई। यह मामला लंबे समय से चर्चाओं में था, लेकिन अब जाकर जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई हुई है।
जानकारी के मुताबिक, जब अरपा भैंसाझार जलाशय परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण हुआ, तब कुछ अधिकारियों ने योजनाबद्ध तरीके से मुआवजे की राशि में बड़ी गड़बड़ी की। इस पर तत्कालीन कलेक्टर सौरभ कुमार की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई गई थी, जिसने गड़बड़ी की पुष्टि की थी।
बावजूद इसके, पहले किसी पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने दोबारा मामला उठाया और एक नई जांच समिति गठित की गई, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर अब आनंद रूप तिवारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।
यह प्रकरण सिर्फ प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि शासन के साथ विश्वासघात का प्रतीक माना जा रहा है। अब इस मामले में और किन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है, इस पर नजर रखी जा रही है।