Anti-Naxal operations : गरियाबंद/सुकमा। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद और सुकमा जिलों में नक्सल उन्मूलन अभियान लगातार तेज़ी से जारी है। भारी बारिश और मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद सुरक्षा बलों को दो मोर्चों पर बड़ी कामयाबी मिली है। नक्सल प्रभावित मैनपुर-जुगाड़ क्षेत्र और सुकमा के कोंटा इलाके में नक्सलियों द्वारा छिपाई गई विस्फोटक और दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई है।
गरियाबंद में 3 जगहों पर छिपाई गई नक्सली सामग्री बरामद
गरियाबंद जिले के इंदागांव एरिया के घने जंगलों में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर गरियाबंद पुलिस, सीआरपीएफ और कोबरा 207 बटालियन की संयुक्त टीम ने थाना मैनपुर और जुगाड़ एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाया।
इस दौरान जवानों ने जंगल के तीन अलग-अलग स्थानों पर गाड़कर छिपाई गई नक्सलियों की दैनिक उपयोग की वस्तुएं और राशन सामग्री बरामद की। ये सामान नक्सलियों के लॉजिस्टिक सपोर्ट सिस्टम का हिस्सा माने जा रहे हैं, जिनका उपयोग जंगल में लंबे समय तक टिके रहने के लिए किया जाता है।
सुकमा में विस्फोटक सामग्री बरामद
इसी तरह सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के पीलावाया जंगलों में डीआरजी और सीआरपीएफ की टीम को बड़ी सफलता मिली। जवानों ने नक्सलियों द्वारा छिपाकर रखी गई भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की है।
बरामद सामानों में कोडेक्स वायर, डेटोनेटर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अन्य बम बनाने की सामग्री शामिल है। सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने बरामदगी की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कार्रवाई भविष्य में होने वाले संभावित नक्सली हमलों को रोकने में मददगार साबित होगी।
Anti-Naxal operations आत्मसमर्पण की अपील – मुख्यधारा से जुड़ने का मौका
गरियाबंद पुलिस ने माओवादियों से अपील की है कि वे राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ लें और आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। पुलिस ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को —
- स्वरोजगार के लिए विशेष प्रशिक्षण
- निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा
- आवास की सुविधा
- योग्यता के अनुसार शासकीय नौकरी
जैसी कई योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
संपर्क के लिए पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 94792-27805 भी जारी किया है, जहां गुप्त रूप से संपर्क कर आत्मसमर्पण किया जा सकता है।
लगातार सफल हो रहा सुरक्षा बलों का अभियान
वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में गरियाबंद और सुकमा में चलाए जा रहे यह अभियान यह दर्शाता है कि नक्सलियों का नेटवर्क अब संगठित दबाव में टूटने लगा है। बरसात के मौसम में आमतौर पर नक्सली गतिविधियां तेज हो जाती हैं, लेकिन इस बार सुरक्षा बलों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने कई बड़ी साजिशों को नाकाम कर दिया है।