Sunday, July 20, 2025
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Custom milling scams : छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी लूट का पर्दाफाश! टुटेजा-ढेबर की जोड़ी फिर गिरफ्तार

Custom milling scams : रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले की जांच ने मंगलवार को बड़ा मोड़ ले लिया, जब आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस मामले में दो मुख्य आरोपियों—पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अनिल टुटेजा और रायपुर के कारोबारी अनवर ढेबर—को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि दोनों पहले से ही अन्य मामलों (जैसे शराब घोटाला) में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं, लेकिन इस नए मामले में अलग से प्रोडक्शन वारंट पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। अब EOW इनसे गहन पूछताछ करेगी।

छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी लूट का पर्दाफाश टुटेजा ढेबर की जोड़ी फिर गिरफ्तार 1
छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी लूट का पर्दाफाश! टुटेजा-ढेबर की जोड़ी फिर गिरफ्तार – 1

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क्या है घोटाला…

यह घोटाला सरकारी धान के चावल में कस्टम मिलिंग प्रक्रिया से जुड़ा है, जिसमें सरकारी अनाज की प्रोसेसिंग के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। आरोप है कि मिलर्स और अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी बिलिंग और अनियमित भुगतान किया गया। इसके चलते राज्य सरकार के राजकोष को करोड़ों का नुकसान हुआ। EOW ने इस मामले में FIR नंबर 01/2024 के तहत IPC की धाराएं 120B (आपराधिक साजिश), 384 (जबरन वसूली), 409 (सरकारी धन का दुरुपयोग) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं 13(1)(क), 13(2), 11 के तहत केस दर्ज किया है।

पहले से चर्चित हैं दोनों आरोपी

अनिल टुटेजा, छत्तीसगढ़ के पूर्व IAS अधिकारी हैं, जो पहले भी कई विवादों में रहे हैं। अनवर ढेबर, रायपुर के रसूखदार कारोबारी माने जाते हैं और छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में भी प्रमुख आरोपी रह चुके हैं। इन दोनों की पहले से ही न्यायिक हिरासत थी, लेकिन अब इस नए मामले में EOW ने अलग से गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है।

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रिमांड से खुल सकते हैं और नाम

सूत्रों के मुताबिक, EOW की पूछताछ में कई और बड़े नामों के सामने आने की संभावना है।
जांच अधिकारी मान रहे हैं कि इसमें राजनीतिक और प्रशासनिक गठजोड़ भी शामिल हो सकता है।
इस पूरे घोटाले की अंदाजन रकम सैकड़ों करोड़ में आंकी जा रही है।

क्या है आगे की रणनीति?

EOW की टीम अब अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर से आमने-सामने पूछताछ कर रही है।
इस पूछताछ में अन्य अधिकारियों, मिलर्स और बिचौलियों की भूमिका उजागर की जाएगी।
जरूरत पड़ने पर अभी और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

सरकार का रुख 

छत्तीसगढ़ सरकार ने पहले ही भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई हुई है।
राज्य में ईओडब्ल्यू, एसीबी और सतर्कता विभाग की सक्रियता बढ़ाई गई है, ताकि किसी भी बड़े आर्थिक अपराध को दबाया न जा सके।

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