ग्वालियर/रायपुर। छत्तीसगढ़ की धर्मनगरी चंदखुरी, जो भगवान श्रीराम की ननिहाल के रूप में जानी जाती है, अब एक नई ऐतिहासिक पहचान की ओर बढ़ रही है। ग्वालियर के ख्यात मूर्तिकार और नेशनल अवार्डी दीपक विश्वकर्मा द्वारा तैयार की गई 51 फीट ऊंची वनवासी श्रीराम की मूर्ति इस सप्ताह रायपुर के चंदखुरी में स्थापित की जाएगी।
यह मूर्ति भगवान श्रीराम के वनगमन स्वरूप में बनाई गई है, जिसमें उन्हें सादे वस्त्रों, 108 रुद्राक्ष की माला और शांत, तपस्वी मुद्रा में दिखाया गया है। मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 फीट है, जिसमें 15 फीट का बेस और 36 फीट का मुख्य पौराणिक स्वरूप शामिल है। इसकी चौड़ाई 17 फीट है और यह 14 मिंट स्टोन (2 टन के पत्थरों) को जोड़कर तैयार की गई है।
25 कलाकारों की टीम ने 6 महीने तक किया अथक परिश्रम
रीजनल आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर, बैजाताल (ग्वालियर) में 25 कुशल मूर्तिकारों की टीम ने इस मूर्ति को तैयार करने में 6 महीने दिन-रात काम किया। कुल 72 लाख रुपये की लागत से तैयार इस विशाल मूर्ति का हर हिस्सा पौराणिकता और कला का अद्भुत संगम है।
पुरानी मूर्ति हटेगी, नई की होगी भव्य स्थापना
इससे पहले चंदखुरी में कांग्रेस शासनकाल के दौरान रामजी की एक मूर्ति स्थापित की गई थी, जिसे अब हटाकर यह नई भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी। यह पहली बार है जब चंदखुरी में इतनी ऊंची और भव्य भगवान श्रीराम की मूर्ति लगाई जा रही है। इससे पहले दीपक विश्वकर्मा ने राम वनपथ गमन योजना के तहत 25-25 फीट की दो मूर्तियां सीतामढ़ी और शिवजी नारायण नदी किनारे स्थापित की थीं।
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
इस मूर्ति की स्थापना से चंदखुरी न केवल धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र बनेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के राम वनगमन पथ को धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी नई दिशा मिलेगी। स्थापना समारोह को लेकर स्थानीय प्रशासन और धार्मिक संगठनों में उत्साह का माहौल है।