Vat Savitri Vrat 2025 : 26 मई 2025 : इस वर्ष वट सावित्री व्रत विशेष ज्योतिषीय योगों के संयोग में मनाया जा रहा है। आज सोमवार, 26 मई को पड़ रहा यह व्रत इस बार सोमवती अमावस्या के साथ आ रहा है, जो इसे और भी शुभ और फलदायी बना रहा है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से पति की दीर्घायु के साथ-साथ वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त:
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अमावस्या तिथि प्रारंभ: 26 मई को दोपहर 12:11 बजे
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अमावस्या तिथि समाप्त: 27 मई को सुबह 8:31 बजे
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अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:54 से दोपहर 12:42 बजे तक
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यह समय पूजा और व्रत के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
बन रहे हैं दुर्लभ योग:
व्रत के दिन भरणी नक्षत्र, शोभन योग और अतिगण्ड योग का त्रिवेणी संयोग बन रहा है, जो बहुत कम अवसरों पर आता है। विशेष बात यह भी है कि चंद्रमा इस दिन अपनी उच्च राशि वृषभ में संचार करेगा, जो मानसिक शांति और वैवाहिक स्थिरता को दर्शाता है।
महत्त्व
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जब वट सावित्री व्रत सोमवती अमावस्या पर पड़े और साथ ही भरणी नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त का संयोग बने — तो यह समय स्त्रियों के लिए अत्यंत फलदायी होता है। इस दिन विधिपूर्वक वट वृक्ष की पूजा, परिक्रमा और व्रत कथा का श्रवण करने से संपूर्ण मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।