रायपुर। Sawan Somvar 2025 : श्रावण मास का महत्व शिवभक्तों के लिए किसी पर्व से कम नहीं होता, और इस साल 14 जुलाई 2025 को पहला सावन सोमवार पड़ रहा है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है, और लाखों श्रद्धालु व्रत रखते हैं ताकि भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त हो सके। लेकिन सिर्फ सोमवार को उपवास करना ही शिव कृपा पाने के लिए पर्याप्त नहीं माना गया है। धार्मिक मान्यताओं और पुराणों के अनुसार व्रत से पहले दो प्रमुख कार्य करना आवश्यक होता है — “संकल्प लेना” और “मौली (कलावा) बांधना”।
Sawan Somvar 2025 : क्या करें व्रत से पहले?
संकल्प लें – मन से शिवभक्ति का वचन
पहले सावन सोमवार की सुबह या एक रात पहले, स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और शिवलिंग के सामने बैठकर श्रद्धा से यह संकल्प लें —
“हे भोलेनाथ! मैं श्रद्धा और नियम से सावन सोमवार व्रत करने का संकल्प लेता हूँ, कृपया मेरी आस्था को सफल बनाएं।”
यह संकल्प आत्मिक तैयारी का प्रतीक माना जाता है। शिवपुराण में उल्लेख है कि बिना संकल्प लिए किया गया व्रत अधूरा होता है।
मौली बांधें – यह सिर्फ धागा नहीं, शिव से जुड़ने का प्रतीक है
इसके बाद अपने दाएं हाथ की कलाई में मौली या कलावा बांधें और मंत्र बोलें —
“मम रक्षार्थं बध्ने मौलिं शिवव्रताय नमः।”
इसका अर्थ है – “मैं यह मौली अपने रक्षण हेतु, शिव व्रत के निमित्त बांध रहा हूँ।”
यह प्रतीक है कि आप शिव के नियमों के साथ बंध चुके हैं और अब व्रत की मर्यादाओं का पालन करेंगे।
क्यों ज़रूरी है ये प्रक्रिया?
संकल्प लेना यह दर्शाता है कि आप मानसिक और आत्मिक रूप से व्रत के लिए तैयार हैं। वहीं मौली बांधना, एक धार्मिक अनुबंध का संकेत है — जैसे किसी कार्य की शुरुआत से पहले उसका विधिपूर्वक उद्घोष करना।
शास्त्रों में कहा गया है — मन से व्रत स्वीकार करना ही आधा पुण्य है, और मौली शिवभक्ति की डोर है, जो भक्त को सीधे महादेव से जोड़ती है।
इसलिए इस सावन, व्रत से पहले संकल्प और मौली के जरिए शिव से मन का गठबंधन ज़रूर करें, ताकि उपवास केवल शारीरिक नहीं, बल्कि आत्मिक साधना बन सके — और आपकी भक्ति भोलेनाथ तक संपूर्ण रूप से पहुंचे।