Patna shootout case : पटना — बिहार की राजधानी में दिनदहाड़े हुए चंदन मिश्रा हत्याकांड ने पुलिस, प्रशासन और सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस सनसनीखेज शूटआउट के मामले में पुलिस की जांच तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले का मास्टरमाइंड ‘तौसीफ बादशाह’ है, जिसकी पहचान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई है। वारदात के वक्त वह सफेद प्रिंटेड शर्ट और नीली जींस में देखा गया, और उसके सिर पर टोपी नहीं थी।
चौंकाने वाली बात यह है कि तौसीफ बादशाह कोई अनपढ़ या आम अपराधी नहीं, बल्कि पटना के प्रतिष्ठित सेंट कैरेन्स स्कूल का पूर्व छात्र है। वर्तमान में वह फुलवारी शरीफ इलाके में जमीन कारोबार की आड़ में आपराधिक नेटवर्क संचालित करता है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वह खुद को ‘बादशाह’ के नाम से प्रचारित करता है और एक संगठित सुपारी गैंग का लीडर है। अनुमान लगाया जा रहा है कि चंदन मिश्रा की हत्या भी इसी सुपारी गैंग के जरिए करवाई गई।
पुलिस ने अब तक तौसीफ सहित इस हत्याकांड में शामिल कुल 5 शूटर्स की पहचान कर ली है, हालांकि अन्य चार के नाम फिलहाल उजागर नहीं किए गए हैं। गिरफ्तारी के लिए कई टीमों को लगाया गया है, जो पटना सहित फुलवारी शरीफ के विभिन्न ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
हत्याकांड के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या बिहार में अब अस्पताल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान भी गैंगवार से अछूते नहीं रहे? इस घटना ने एक बार फिर ‘जंगलराज बनाम सुशासन’ की बहस को हवा दे दी है।
पुलिस दावा कर रही है कि जल्द सभी आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा, लेकिन जनता पूछ रही है – जब अपराधी इतने हाई-प्रोफाइल और सधे हुए हैं, तो क्या अब ‘बादशाहत’ कानून से बड़ी हो गई है?