ग्वालियर। मध्यप्रदेश की राजनीति एक बार फिर सियासी गरमी से तप रही है। इस बार सुर्खियों में हैं प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, जिन पर ग्वालियर के एक नामी रेस्टोरेंट में स्टाफ के साथ मारपीट और दबाव बनाने का आरोप लगा है।
घटना सिटी सेंटर स्थित क्वालिटी रेस्टोरेंट की है। जानकारी के मुताबिक देर रात मंत्री पटेल अपने स्टाफ के साथ भोजन करने पहुँचे थे। होटल स्टाफ ने उन्हें सूचित किया कि ग्राउंड फ्लोर की सभी टेबल बुक हैं और ऊपर की मंज़िल पर बैठने की सुविधा है। इसी मामूली बात पर मंत्री पक्ष के लोग कथित तौर पर नाराज़ हो गए और होटल कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट शुरू कर दी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मामला इतना बढ़ा कि होटल के किचन तक में घुसपैठ की गई। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। होटल संचालक ने पुलिस को बताया कि विवाद में शामिल एक व्यक्ति ने खुद को मंत्री बताया और खुद को ‘विशेष’ बताते हुए नियमों को ताक पर रखा।
इस पूरे घटनाक्रम का CCTV फुटेज भी सामने आ गया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
गौरतलब है कि करीब एक साल पहले मंत्री के बेटे अभिज्ञान पटेल पर भी भोपाल के शाहपुरा थाना क्षेत्र में एक हाई-प्रोफाइल बवाल के बाद एफआईआर दर्ज हुई थी। उस वक्त मंत्री पटेल ने विधानसभा सत्र के दौरान बेटे के पक्ष में भावुक होते हुए कहा था कि “बेटा रास्ते से भटक गया, मैंने उसे माफ नहीं किया।”
अब जब खुद मंत्री पर सार्वजनिक स्थान पर इस तरह की ‘गुंडई’ और ‘बदसलूकी’ के आरोप लगे हैं, तो सवाल उठने लाजिमी हैं – क्या सत्ता का रसूख कानून से बड़ा हो गया है?
पुलिस ने फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी है। रेस्टोरेंट प्रबंधन ने लिखित शिकायत देने की तैयारी की है