जबलपुर। Jabalpur News : शहर में नकली नोट छापने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक को हाल ही में पकड़ा गया है। आरोपियों से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि वे अपने ही घर को ‘मिनी प्रेस’ बना कर नकली नोटों की छपाई करते थे और फिर उन्हें बाजार में खपाने के लिए बेचते थे।
Jabalpur News : पुलिस ने जब आरोपियों के घर की तलाशी ली, तो वहां से कलर प्रिंटर, नोट छापने में इस्तेमाल होने वाला विशेष कागज, लैपटॉप, कटर और कलर की बोतलें बरामद की गईं। जांच में पता चला है कि आरोपी लैपटॉप पर नकली नोटों का डिजाइन तैयार करते थे और फिर उसे प्रिंटर के जरिए हूबहू असली जैसे नोट बनाते थे, जिन्हें वे जरूरतमंद या कम पढ़े-लिखे लोगों को कम कीमत पर बेचते थे।
मुख्य आरोपी ऋतुराज इस गिरोह का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। वह लोगों को लालच देकर नकली नोट खपवाने का काम करवाता था। पुलिस के अनुसार, कुछ दिन पहले ऋतुराज की मुलाकात रवि दहिया से हुई थी, जिसे उसने 25,000 रुपये में 3 लाख के नकली नोट सौंपे थे। रवि दहिया नोट खपाने की फिराक में था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।
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पूछताछ में यह भी सामने आया है कि यह अवैध कारोबार पिछले 6 से 7 महीनों से चल रहा था। पुलिस अब दोनों आरोपियों से यह जानने की कोशिश कर रही है कि अब तक उन्होंने किन-किन इलाकों में और किन लोगों को नकली नोटों की आपूर्ति की है।
ASP संजय अग्रवाल ने बताया, “यह एक सुनियोजित गिरोह है जो शहर में नकली नोटों के माध्यम से आर्थिक अपराधों को अंजाम दे रहा था। मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।”
शहर में नकली करेंसी का यह मामला कानून-व्यवस्था और आम जनता की आर्थिक सुरक्षा पर बड़ा खतरा बन सकता था। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा धोखाधड़ी नेटवर्क उजागर हुआ है, जिससे नकली नोटों की खेप बाजार में उतरने से पहले ही रोक दी गई।