गरियाबंद। Gariaband News : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के राजिम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां अंधविश्वास में डूबे दो ग्रामीणों ने मंदिर की मूर्तियों पर खून लगा दिया। देवी-देवताओं की मूर्तियों को खून से सना देख श्रद्धालु सकते में आ गए और तत्काल मंदिर समिति ने पुलिस को सूचना दी।
Gariaband News : राजिम पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ग्राम देवरी के दो आरोपियों — लीला राम साहू (42) और कामता प्रसाद साहू (50) — को हिरासत में लिया। पूछताछ में दोनों ने माना कि उन्होंने “सुख-समृद्धि और धन प्राप्ति” की चाह में इस अंधविश्वासी कृत्य को अंजाम दिया।
पुलिस के मुताबिक आरोपियों को कहीं से यह जानकारी मिली थी कि देवी-देवताओं को खून का तिलक करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। इसी विश्वास में उन्होंने मंदिर में स्थापित मूर्तियों पर जानवरों का खून लगाया। इस करतूत से न केवल धार्मिक भावना को ठेस पहुंची, बल्कि मंदिर परिसर भी अपवित्र हो गया।
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एएसपी जितेन्द्र चंद्राकर ने बताया कि आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 298 और बीएनएस की धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। साथ ही उनके विरुद्ध अलग से प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी की जा रही है।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आज भी समाज का एक वर्ग अंधविश्वास की गिरफ्त में कितना गहराई से जकड़ा हुआ है, और उसकी वजह से सार्वजनिक धार्मिक स्थलों की गरिमा खतरे में पड़ रही है। प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आगे और जांच के संकेत दिए हैं।