नई दिल्ली । सेन्ट्रल GST रिश्वतकांड में बड़ा खुलासा : सेन्ट्रल जीएसटी रिश्वतकांड में सीबीआई को एक और बड़ी सफलता मिली है। खुद को ‘मिश्रा’ नाम से पेश कर व्यापारियों को धमकाने और सौदेबाजी करने वाला मास्टरमाइंड अनिल गुप्ता आखिरकार गुरुवार को रायपुर की विशेष सीबीआई अदालत में सरेंडर कर चुका है। अदालत ने उसे 14 जुलाई तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है, जहां पूछताछ के जरिए इस पूरे फर्जीवाड़े की परतें और उघाड़ी जाएंगी।
GST रिश्वतकांड में बड़ा खुलासा : असली अफसरों के साथ फर्जी मिश्रा की साठगांठ
सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ है कि अनिल गुप्ता न केवल खुद को जीएसटी अधिकारी ‘मिश्रा’ बताकर मामलों में दखल देता था, बल्कि वह विभाग में पदस्थ असली अधिकारियों के साथ मिलकर लेनदेन की साजिशें रचता था। उसके पास से फर्जी सरकारी पहचान पत्र, दस्तावेज और मुहरें भी बरामद की गई हैं।
दुर्ग के कारोबारी से 34 लाख की डिमांड
पूरा मामला दुर्ग के कारोबारी लालचंद अठवानी की कंपनी ‘द वर्ल्ड ऑफ ब्यूटी’ से जुड़ा है। 28 जनवरी को सेंट्रल जीएसटी की टीम ने छापा मारा और बाद में अधीक्षक भरत सिंह ने 34 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। यह रिश्वत दिलाने की भूमिका में विनय राय नाम का बिचौलिया और ‘मिश्रा’ उर्फ अनिल गुप्ता सामने आए।
रंगेहाथ पकड़ा गया था भरत सिंह
लालचंद की शिकायत पर सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए भरत सिंह को 5 लाख की रिश्वत लेते रायपुर के वीआईपी रोड पर रंगेहाथ पकड़ लिया था। इसके बाद जांच में मिश्रा का नाम सामने आया था, जिसकी पहचान अब अनिल गुप्ता के रूप में हुई है।
अब सीबीआई की नजर गिरोह के नेटवर्क पर
सीबीआई अब यह पता लगाने में जुटी है कि अनिल गुप्ता ने कितने अन्य मामलों में इसी तरह की ठगी की और किन अधिकारियों व कर्मचारियों से उसका गठजोड़ था। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। यह मामला न केवल सरकारी तंत्र में मौजूद भ्रष्टाचार की बानगी है, बल्कि इसने सिस्टम में सक्रिय फर्जी खिलाड़ियों की जड़ों को भी उजागर किया है।